युवाओं व बच्चों को सत्संग की जरूरत
मुजफ्फरपुर: युवाओं व बच्चों को सत्संग की जरूरत है. हर रोज कम से कम आधा घंटा हरि कीर्तन व आधा घंटा सत्संग करने की जरूरत है. सत्संग से ही कुसंगति का प्रभाव समाप्त होगा. युवाओं से उच्छृंखलता समाप्त होगी. हर घर में भक्त प्रसाद व ध्रुव जैसे भक्त की जरूरत है. तभी समाज से दुगरुणों […]
मुजफ्फरपुर: युवाओं व बच्चों को सत्संग की जरूरत है. हर रोज कम से कम आधा घंटा हरि कीर्तन व आधा घंटा सत्संग करने की जरूरत है. सत्संग से ही कुसंगति का प्रभाव समाप्त होगा. युवाओं से उच्छृंखलता समाप्त होगी. हर घर में भक्त प्रसाद व ध्रुव जैसे भक्त की जरूरत है. तभी समाज से दुगरुणों का नाश होगा. यह बातें मंगलवार को राणी सती मंदिर, दादी धाम सिकंदरपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन जगद्गुरु द्वाराचार्य श्री मलूक पीठाधीश्वर के प्रवक्ता श्रीधाम वृंदावन से पधारे संत राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाचार्य ने कही. उन्होंने कहा कि सत्संग व प्रभु भक्ति में कथा वाचन के लिए किसी बड़े संत की जरूरत नहीं है. खुद पूरे परिवार के साथ थोड़ा वक्त निकाल लीजिए.
राह दिखाता है महाभारत
श्री महाचार्य ने कहा कि ज्ञान संबंधों को तोड़ता है. भक्ति का काम संबंध जोड़ना है. सुकदेव मुनि बेहतर उदाहरण हैं. संबंध जोड़िए सत्य से, ईश्वर से. मौत का पैगाम लेकर आयी राक्षसी पूतना को भगवान कृष्ण ने माता की गति दे दी. तो आप ईश्वर से प्यार करके तो देखिए, आपको ईश्वर क्या नहीं दे सकते हैं. लोग भ्रमवश अपने घर में महाभारत की पुस्तक नहीं रखना चाहते हैं. लेकिन जिनके घर में है, उसके हाथों पर विजय लिखा है. जो महाभारत नहीं जाना वह भारत में कहीं नहीं है.
ईश्वर के कारण बना संबंध मुक्ति कारक है. भक्त के नाते पुत्र व पुत्री से प्यार कीजिए. पुत्र भी माता-पिता को संत मान कर पूजा करें. फिर देखिए परिवार, समाज व देश में सदाचार.
इस मौके पर विधायक सुरेश शर्मा, विधान पार्षद गणोश भारती, बिहारी लाल जी टिकमानी, रमेश चंद्र टिकमानी, अवधेश टिकमानी, बेनीमाधव चांद कोटिया, पप्पू बंका, सज्जन शर्मा, अनिल टिकमानी, अंबिका ढंढारिया, एचएल गुप्ता आदि उपस्थित थे.