बदलते राजनितिक घटना क्रम पर टिकी थी निगाहें

– कार्यालय से लेकर चाय – पान की दुकान तक सियासी सरगरमी – दोपहर तक समाहरणालय में पसरा हुआ था सन्नाटा – मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद बदलने लगे जुबान उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर : पटना में सत्ता के लिए चल रही जोर आजमाइश ने शुक्रवार को आम से लेकर खास लोगों को खबरों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2015 12:04 AM

– कार्यालय से लेकर चाय – पान की दुकान तक सियासी सरगरमी – दोपहर तक समाहरणालय में पसरा हुआ था सन्नाटा – मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद बदलने लगे जुबान उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर : पटना में सत्ता के लिए चल रही जोर आजमाइश ने शुक्रवार को आम से लेकर खास लोगों को खबरों से बांधे रखा. सरकारी कार्यालय से लेकर चाय – पान की दुकान तक मांझी व नीतीश कुमार ही छाये रहे. विधान सभा में क्या हो रहा है, इसे जानने के लिए कुछ लोग टीवी चिपके हुए थे. पल – पल बदलते राजनितिक घटना क्रम पर लोगों की नजर टीकी हुई थी. कलेक्ट्रेट स्थित धरना स्थल पर कुछ लोग आपस में बहस कर जीत – हार का आंकड़ा बिठा रहे थे. सीएम जीतन राम मांझी की ओर से किये घोषणा पर भी बहस चल रही थी. विशेष रुप से अनुबंध वाले शिक्षक व पुलिस के लोग मांझी सरकार को लेकर काफी उत्सुक दिख रहे थे. चिंता थी कि अगर सरकार गयी तो इन घोषणाओं का क्या होगा. हालांकि यह उत्सुकता जल्दी ही खत्म हो गयी, जब मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस्तीफा दे दिया. अब लोगों के जुबान पर बस एक ही सवाल था कि गर्वनर नीतीश कुमार को सरकार बनाने के लिए बुलाते है या सीएम जीतन राम मांझी विधान सभा भंग करने की सिफारिश करते है. यह सस्पेंस तब तक चलता रहा, जब तक यह समाचार नहीं आया गया कि नीतीश कुमार को सरकार बनाने के लिए न्योता मिल गया है. राजनीतिक गहमा – गहमी का असर सरकारी दफ्तरों पर भी दिख रहा था. आम दिनों के तुलना में दफ्तरों में चहल – पहल भी कम दिख रही थी. सभी को अंतिम परिणाम का इंतजार था. वही निगम कार्यालय में भी कर्मचारी के बीच सरकार को लेकर ही चर्चा चलती रही. फोन से जानकारी लेते रहे.

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