विवि ने शुरू की बीएफएससी कोर्स की जांच

फोटो :: विवि का लोगो- आरडीएस कॉलेज से मंगायी गयी कोर्स से संबंधित संचिकाएं- संचिकाओं के अवलोकन के बाद आज कुलपति लेंगे फैसलासंवाददाता, मुजफ्फरपुरआरडीएस कॉलेज के बैचलर ऑफ फिशरीज साइंस कोर्स की जांच शुरू हो गयी है. गुरुवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे के निर्देश पर सीसीडीसी डॉ तारण राय ने कॉलेज प्रबंधन व कोर्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2015 10:03 PM

फोटो :: विवि का लोगो- आरडीएस कॉलेज से मंगायी गयी कोर्स से संबंधित संचिकाएं- संचिकाओं के अवलोकन के बाद आज कुलपति लेंगे फैसलासंवाददाता, मुजफ्फरपुरआरडीएस कॉलेज के बैचलर ऑफ फिशरीज साइंस कोर्स की जांच शुरू हो गयी है. गुरुवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे के निर्देश पर सीसीडीसी डॉ तारण राय ने कॉलेज प्रबंधन व कोर्स को-ऑर्डिनेटर से कोर्स से संबंधित तमाम संचिकाएं मंगवायी और उसकी जांच की. सूत्रों की मानें तो कॉलेज की ओर से वर्ष 1997 में यूजीसी से जारी एक पत्र को दिखाया गया, जिसमें बैचलर ऑफ फिशरीज साइंस को यूजीसी की ओर से जारी बीए/बीएसी/बीकॉम के गाइडलाइन के आधार पर चलाने की अनुमति प्रदान की गयी है. राजभवन ने वर्ष 1998 में अन्य वोकेशनल कोर्स के साथ इस कोर्स के रेगुलेशन को भी मंजूरी दी थी. इसमें भी यूजीसी के बीए/बीएससी/बीकॉम के गाइडलाइन का ही जिक्र है. सभी संचिकाएं शुक्रवार को कुलपति के समक्ष रखी जायेगी. उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. गौरतलब है कि यूजीसी ने कोई भी डिग्री पांच जुलाई 2014 को जारी भारत गजट के गाइडलाइन के आधार पर ही जारी किया जा सकता है. गजट में बैचलर ऑफ फिशरीज साइंस को चार वर्षीय कोर्स बताया गया है, जबकि विगत अठारह साल से आरडीएस कॉलेज में यह तीन वर्षीय कोर्स के रू प में चल रहा है. खुद राज्य सरकार भी इसे बैचलर डिग्री नहीं मानती है. इसके कारण कोर्स पूरा करने के बाद भी छात्र-छात्राओं को ग्रेड टू की नौकरी नहीं मिल पा रही है.

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