एइएस के चार बच्चे और भरती
मुजफ्फरपुर: एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से और चार बीमार बच्चे रविवार को एसकेएमसीएच में भरती किये गये. जिसमें पारू स्थित सेमरा की चार वर्षीय रानी कुमारी, मीनापुर के हजरतपुर के चार वर्षीय आरती कुमारी, गायघाट के एक वर्षीय अंशु कुमार व मझौलिया के आठ वर्षीय मयंक राजा शामिल हैं. इस तरह यहां बीमार बच्चों की संख्या […]
मुजफ्फरपुर: एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से और चार बीमार बच्चे रविवार को एसकेएमसीएच में भरती किये गये. जिसमें पारू स्थित सेमरा की चार वर्षीय रानी कुमारी, मीनापुर के हजरतपुर के चार वर्षीय आरती कुमारी, गायघाट के एक वर्षीय अंशु कुमार व मझौलिया के आठ वर्षीय मयंक राजा शामिल हैं. इस तरह यहां बीमार बच्चों की संख्या अब 16 हो गयी है. जिसमें से अधिकांश बच्चे पीयूसीआई में भरती हैं.
यहां अहियापुर के चार महीने के निखिल कुमार, दीवान रोड के पांच वर्षीय मो रेहान, रामदयालु के छह वर्षीय अरव, मेहसी के डेढ़ वर्षीय फरहान, सैदपुर अथरी के चार वर्षीय मिथिलेश कुमार, कफेन हथौड़ी के तीन वर्षीय विवेक कुमार, चैनपुर पारू की आठ वर्षीया मधु कुमारी, तुर्की मीनापुर के चार वर्षीय गोलू कुमार, लौटन मीनापुर के दो वर्षीय प्रवीण कुमार, मेहसी के दो वर्षीय अकील राजा, वाजिद बुजुर्ग सकरा के तीन वर्षीय नीरज कुमार, वासदेव छपरा मीनापुर के दो वर्षीय आयुष कुमार हैं. सभी बच्चों का इलाज डॉक्टरों की विशेष देख रेख में किया जा रहा है.
शहर तक पहुंची एइएस की आंच
पिछले वर्ष गांव तक सीमित रहने वाली बीमारी अब शहर में भी दस्तक देने लगी है. इस बार बीमारी की शुरुआत में ही तीन बच्चे एसकेएमसीएच में भरती किये गये. जिसमें अहियापुर के चार महीने के निखिल कुमार, दीवान रोड के पांच वर्षीय मो रेहान व मझौलिया के आठ वर्षीय मयंक राजा शामिल हैं.
बीमारी से बचाव के लिए पल्स पोलियो की टीम शहर के कई भागों में संयुक्त अभियान के तहत लोगों को बचाव की जानकारी दे रहे हैं. सिविल सजर्न डॉ ज्ञान भूषण ने कहा कि बचाव की जानकारी अहम है. सफाई के साथ बाहरी खाद्य पदार्थो से परहेज जरूरी है. रात में मच्छरदानी का प्रयेाग जरूर करे. बचाव से ही एइएस बीमारी से बचा जा सकता है.