जल, जंगल व जमीन पर खतरा : राधा

मुजफ्फरपुर. गांधी शांति प्रतिष्ठान की राष्ट्रीय अध्यक्ष राधा भट्ट ने रविवार को बीआरए बिहार विवि के अतिथिगृह सभागार में बुद्धिजीवियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज जल, जंगल व जमीन पर सर्वाधिक खतरा है. इसे जनता के अधीन होना चाहिए. मगर केंद्र सरकार द्वारा लाये गये भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल द्वारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2015 9:03 PM

मुजफ्फरपुर. गांधी शांति प्रतिष्ठान की राष्ट्रीय अध्यक्ष राधा भट्ट ने रविवार को बीआरए बिहार विवि के अतिथिगृह सभागार में बुद्धिजीवियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज जल, जंगल व जमीन पर सर्वाधिक खतरा है. इसे जनता के अधीन होना चाहिए. मगर केंद्र सरकार द्वारा लाये गये भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल द्वारा जमीन पर खतरा बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में कई अच्छे प्रावधान किये गये थे, लेकिन उन तमाम प्रावधानों को इस संशोधन में समाप्त कर दिया गया है. जमीन के साथ जीविका, पहचान व प्रतिष्ठा तीनों जुड़ी हुई है. इस बिल से छोटे किसानों का जीवन तबाह हो जायेगा. हमें इसके लिए आगे आना होगा. बैठक की अध्यक्षता डॉ हरेंद्र कुमार ने किया. संचालन मुजफ्फरपुर केंद्र के सचिव अरविंद वरुण, स्वागत संयुक्त सचिव प्रभात कुमार व धन्यवाद ज्ञापन कामता प्रताप ने किया. मौके पर एलएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो एएन यादव, प्रो भोजनंदन सिंह, प्रो अवधेश कुमार सिंह, विनय प्रशांत, डॉ ब्रजेश शर्मा, प्रो विजय कुमार जायसवाल, प्रो मंजु सिन्हा, संजीत किशोर आदि मौजूद थे.

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