19.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एमसीआइ की रोक, कभी काम नहीं आई!

मुजफ्फरपुर: देश में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता का मानक तय करने और उनका पालन करानेवाली संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की ओर से जारी होनेवाले निर्देशों के पालन सवाल उठने लगे हैं. निरीक्षण के दौरान पायी जानेवाली खामियों के आधार पर एमसीआइ की टीम की ओर से निर्देश पारित किये जाते हैं, लेकिन ज्यादातर […]

मुजफ्फरपुर: देश में मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता का मानक तय करने और उनका पालन करानेवाली संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की ओर से जारी होनेवाले निर्देशों के पालन सवाल उठने लगे हैं. निरीक्षण के दौरान पायी जानेवाली खामियों के आधार पर एमसीआइ की टीम की ओर से निर्देश पारित किये जाते हैं, लेकिन ज्यादातर मामले में उन निर्देशों का पालन नहीं होता है.

बीते दों सालों में एमसीआइ की टीम ने तीन बार एसकेएमसीएच का दौरा किया. इस दौरान उसकी ओर से कई निर्देश जारी किये गये. उनमें कई पर अमल तक नहीं हुआ, जबकि 2013 में पहले एमबीबीएस की 50 सीटों पर नामांकन की रोक लगायी और फिर हटा ली. ऐसे ही चिकित्सा सेवा से जुड़े कई

अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश पारित किया, लेकिन एक पर भी अमल नहीं हुआ.
2014 में भी लगायी रोक सितंबर 2014 में भी एमसीआइ की टीम ने एसकेएमसीएच के निरीक्षण को पहुंची. कॉलेज में मिली खामियों को आधार पर सौ सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई पर रोक लगा दी . सरकार के विशेष अनुरोध पर कुछ ही दिनों बाद एमसीआइ के मापदंड को पूरा करने की शर्त पर एमबीबीएस की सौ सीटों पर पढ़ाई की मंजूरी मिल गयी. हालांकि इस बार कुछ काम हुआ और दो बार में 63 चिकित्सक शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. पहले जहां चिकित्सक शिक्षकों की संख्या 114 थी, वो 177 तक पहुंच गयी, जबकि यहां पर सृजित पद 196 हैं.
2013 में लगी रोक हटी
एमसीआइ की टीम ने अगस्त 2013 में मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया. टीम में एमसीआइ जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ आरके सिन्हा व डॉ एसएन तिवारी शामिल थे. दोनों मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण किया था. इसकी रिपोर्ट सरकार को सौपी गयी. इसमें कई अल्टीमेटम शामिल थे, लेकिनन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
एमसीआइ की टीम ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. उस समय यहां शिक्षकों की किल्लत थी, लेकिन निरीक्षण के बाद यहां 63 शिक्षक पदस्थापित किये गये और आठ चिकित्सक शिक्षकों को प्रोन्नति मिली. एमसीआइ से एमबीबीएस की 50 सीटों पर रोक लगाने का निर्देश जारी हुआ था, स्थिति से अवगत कराके जल्द ही रोक हटाने की मांग की जायेगी.
डॉ उषा शर्मा, प्राचार्य, एसके मेडिकल कॉलेज
निर्देश के बाद भी ये नहीं हुआ
2013 में ही एमसीआइ की टीम ने इपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ शोभा रानी व स्टैटिशियन डॉ वीरेश्वर प्रसाद को पीएसएम विभाग के योग्य नहीं माना.
एमसीआइ की टिप्पणी पर तत्कालीन प्राचार्य डॉ डीके सिन्हा ने सरकार से कार्रवाई की गुहार लगायी, कुछ नहीं हुआ.
एमसीआइ ने फार्मोकोलॉजी विभाग में दो की जगह सिर्फ एक प्राध्यापक की जरूरत बतायी. दोनों अभी कार्यरत हैं. एमओ डॉ नरेश कुमार के स्थानांतरण का निर्देश दिया. अभी तक तबादला नहीं हुआ. महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनीति सिन्हा के स्थानांतरण के बारे में लिखा. अभी तक तबादला नहीं हुआ.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें