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अंक पत्र जारी करने के लिए विवि एक्ट को खंगाल रहे अधिकारी

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि पीजी फोर्थ सेमेस्टर के अंक पत्र के लिए छात्र-छात्रओं को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसा रेगुलेशन में बदलाव पर कोई ठोस फैसला नहीं होने के कारण फिलहाल विवि प्रशासन अंक पत्र वितरण के मूड में नहीं है. इसके लिए कुलपति डॉ पंडित पलांडे के निर्देश का इंतजार किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2015 7:36 AM
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि पीजी फोर्थ सेमेस्टर के अंक पत्र के लिए छात्र-छात्रओं को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसा रेगुलेशन में बदलाव पर कोई ठोस फैसला नहीं होने के कारण फिलहाल विवि प्रशासन अंक पत्र वितरण के मूड में नहीं है. इसके लिए कुलपति डॉ पंडित पलांडे के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है, जो फिलहाल बीमारी के कारण पूना के एक अस्पताल में भरती है. राजभवन में उन्होंने दस दिनों की छुट्टी का आवेदन दिया था.

इस आधार पर प्रतिकुलपति डॉ प्रभा किरण को कुलपति का प्रभार दिया गया है, लेकिन उन्हें सिर्फ दैनिक कार्यो की ही जिम्मेदारी सौंपी गयी है. सूत्रों की मानें तो रेगुलेशन में बदलाव को नीतिगत मामला मानते हुए उन्होंने कोई भी फैसला अपने स्तर से लेने से इनकार कर दिया है.

हालांकि इस मामले में देर शाम उन्होंने कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव व परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार के साथ विचार-विमर्श किया. बताया जाता है कि इस दौरान बिना अनुमति के अंक पत्र के प्रारू प में बदलाव को सभी अधिकारियों ने भूल माना. हालांकि छात्र हित को देखते हुए विकल्पों पर भी चर्चा की. इसके तहत विवि एक्ट के आर्टिकल 1012 के तहत विवि के संवैधानिक बॉडी व राज्यपाल की मंजूरी की प्रत्याशा में अंक पत्र वितरण का सुझाव सामने आया. हालांकि अपनी गरदन बचाने के लिए राज्यपाल से मंजूरी नहीं मिलने की स्थिति में अंक पत्र वापस लेने का विकल्प भी खुला रखना चाहती है.
इसके लिए अंक पत्र के वितरण से पूर्व इसका जिक्र परीक्षा विभाग की संचिका में दर्ज करने का सुझाव भी सामने आया. हालांकि इसके लिए भी अधिकारी कुलपति डॉ पंडित पलांडे से विचार-विमर्श के बाद ही कोई फैसला लेंगे.
क्या है मामला
राजभवन से सत्र 2011 से 2013 तक पीजी में सेमेस्टर सिस्टम के ट्रांजिट रेगुलेशन की मंजूरी से इनकार के बाद परीक्षा बोर्ड की बैठक बुलायी गयी. इसमें सेमेस्टर सिस्टम में ली गयी परीक्षा का पुराने रेगुलेशन के तहत रिजल्ट जारी करने का फैसला लिया गया. यही नहीं अंक पत्र के प्रारू प में भी बदलाव कर दिया गया. इस आधार पर 21 फरवरी को विवि साइट पर रिजल्ट भी जारी कर दिया गया. लेकिन बिना राजभवन की मंजूरी के अंक पत्र के प्रारू प में बदलाव से उसकी वैधता पर सवाल उठना तय था. प्रभात खबर ने लगातार इस मामले को प्रमुखता से उछाला है.

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