मुजफ्फरपुर. क्षेत्रीय स्वास्थ्य उपनिदेशक डॉ मो मुस्ताक अहमद ने कहा है कि नवजात का मृत्युदर कम करने के लिए परिचारिकाओं का कौशल विकास बहुत जरूरी है. इस दिशा में बी टास्ट व डीफिड के तत्वावधान में रिप्रोडक्टिव मैटरनल नियोमेटल चाइल्ड एडोनेसेंट हेल्थ स्कील लैब (आरएमएनसीएच प्लस ए) प्रोग्राम ज्ञानवर्द्धक साबित होगा. छह दिवसीय इस स्कील लैब में प्रतिभागियों को प्रसव कक्ष, न्यु बॉर्न कॉर्नर, एएनसी व पीएनसी यानी शिशु के जन्म के पहले और बाद में क्या करें क्या न करें की गुणवत्तापूर्ण जानकारी मिलेगी. स्वास्थ्य उपनिदेशक डॉ अहमद शनिवार को एसकेएमसीएच के जेएनएम स्कूल में छह दिवसीय स्कील लैब प्रोग्राम के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. मौके पर बी टास्ट के मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ एक्सपर्ट डॉ अरुणाभ रे, क्षेत्रीय प्रबंधक प्रमोद कुमार कर्ण, स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक प्रशांत कुमार, एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ जीके ठाकुर, उपाधीक्षक डॉ सुनील कुमार शाही, बी टास्ट के क्वालिटी एक्सपर्ट पप्पू कुमार, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम भगवान प्रसाद वर्मा आदि मौजूद थे. कार्यक्रम में वैशाली जिले के 16 प्रतिभागी भी भाग ले रहे हैं. संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन स्कील लैब के प्रबंधक अभिषेक ने किया.
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शिशु की देखभाल के लिए कौशल विकास जरूरी : आरडीडी
मुजफ्फरपुर. क्षेत्रीय स्वास्थ्य उपनिदेशक डॉ मो मुस्ताक अहमद ने कहा है कि नवजात का मृत्युदर कम करने के लिए परिचारिकाओं का कौशल विकास बहुत जरूरी है. इस दिशा में बी टास्ट व डीफिड के तत्वावधान में रिप्रोडक्टिव मैटरनल नियोमेटल चाइल्ड एडोनेसेंट हेल्थ स्कील लैब (आरएमएनसीएच प्लस ए) प्रोग्राम ज्ञानवर्द्धक साबित होगा. छह दिवसीय इस स्कील […]
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