मुजफ्फरपुर: केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वर्तमान शिक्षा नीति देश के लोगों के अनुकूल नहीं है. शिक्षा ऐसी हो जो परिवार, समाज व देश के लोगों में ज्ञान के संवर्धन के साथ-साथ समग्र उन्नति की राह दिखाये.
इस बात पर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. पूरे देश के लिए सरकार नयी शिक्षा नीति लायेगी. वर्तमान संदर्भ में, देश की शिक्षा में बदलाव की जरू रत महसूस की गई है. सामाजिक, आर्थिक, रोजगार की नीतियों को ध्यान में रखकर कार्य योजना बनाने पर विमर्श चल रहा है. श्री कुशवाहा शनिवार को स्थानीय परिसदन में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा, नयी शिक्षा नीति के राह में कई बाधाएं हैं. कई तरह की कमियां हैं. कई विशेषज्ञों का सुझाव सरकार को आये हैं. इसमें परिवर्तन की जरू रत महसूस की गयी है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों, शिक्षा जगत के विशेषज्ञों, आम लोगों, देश के जाने माने शिक्षण संस्थानों से सुझाव व फीड बैक लिये जायेंगे. इसके बाद शिक्षा नीति लाने पर काम करेंगे. मंत्री ने कहा, इस कार्यक्रम को समय सीमा से बांधना ठीक नहीं होगा.
ऐसी शिक्षा से कोई फायदा नहीं है जो दो वक्त की रोटी भी नहीं दिला पाये. आज कागज की डिग्रियां बंट रही हैं जो किसी काम का नहीं हैं. देश में ऐसी शिक्षा की जरू रत है जो ज्ञान के विकास के साथ-साथ हर तरह से लोगों के लिए अनुकूल हो. इस मौके पर सीतामढ़ी के सांसद राम कुमार शर्मा के साथ कई पार्टी नेता मौजूद थे.