शिक्षकों व कर्मियों की सेवा शर्त में बदलाव की मांग

– मामला 508 प्रस्वीकृत इंटर कॉलेज का- संघ के नेताओं ने नियमावली 2013 के आधार पर सेवा शर्त तय करने का किया विरोधसंवाददाता, मुजफ्फरपुरबिहार इंटरमीडिएट लोकहित याचिका समिति के प्रांतीय महासचिव सुधांशु सिंह व बीआरए बिहार विवि संबद्ध डिग्री कॉलेज संघ के सह संयोजक डॉ धर्मेंद्र कुमार चौधरी ने रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2015 9:03 PM

– मामला 508 प्रस्वीकृत इंटर कॉलेज का- संघ के नेताओं ने नियमावली 2013 के आधार पर सेवा शर्त तय करने का किया विरोधसंवाददाता, मुजफ्फरपुरबिहार इंटरमीडिएट लोकहित याचिका समिति के प्रांतीय महासचिव सुधांशु सिंह व बीआरए बिहार विवि संबद्ध डिग्री कॉलेज संघ के सह संयोजक डॉ धर्मेंद्र कुमार चौधरी ने रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इंटर कॉलेज के शिक्षकों व कर्मियों के सेवा शर्त का मामला उठाया. उन्होंने कहा, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सेवा शर्त की जो नियमावली जारी की है वह उन उच्च विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों पर लागू होती है, जो 2011 के बाद खुले हैं. ऐसे में 508 प्रस्वीकृत इंटर कॉलेजों के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का सेवा शर्त 08 सितंबर, 1994 को प्रकाशित गजट, जिसे 1994 नियमावली के नाम से जाना जाता है, के तहत होना चाहिए. इसके तहत सभी प्रस्वीकृत विषयों में शिक्षक का कम-से-कम एक पद होना अनिवार्य है तथा वेतन, भत्ता, अपेक्षित अहर्ताएं व अन्य सेवा शर्त वहीं होगी, जो राज्य सरकार से अनुमोदित है. नेता द्वय ने कहा, तत्कालीन विधान पार्षद डॉ नरेंद्र प्रसाद सिंह के ध्यानाकर्षण प्रश्न के जबाव में खुद मानव संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव ने भी इसे स्वीकारा है. ऐसे में यदि उक्त 508 शिक्षकों का सेवा शर्त यदि नियमावली 2013 के तहत तय की जाती है तो यह उन शिक्षकों व कर्मचारियों के साथ छलावा होगा, जिसे किसी कीमत पर नहीं स्वीकारा जायेगा.

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