18 करोड़ का लिया धान, चार करोड़ किया भुगतान
बीएसएफसी काफी धीमी गति से दे रहा पैसा धान क्रय केंद्र बना बिचौलियों का बिजनेस सेंटर 17 सौ रुपये क्विंटल धान खरीद की योजना फेल वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरपैक्सों में धान खरीद की स्थिति खराब है. इससे भी खराब स्थिति किसानों के भुगतान का है. हाल की रिपोर्ट में पैक्सों ने 18 हजार मीटरिक मीटरिक टन […]
बीएसएफसी काफी धीमी गति से दे रहा पैसा धान क्रय केंद्र बना बिचौलियों का बिजनेस सेंटर 17 सौ रुपये क्विंटल धान खरीद की योजना फेल वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरपैक्सों में धान खरीद की स्थिति खराब है. इससे भी खराब स्थिति किसानों के भुगतान का है. हाल की रिपोर्ट में पैक्सों ने 18 हजार मीटरिक मीटरिक टन धान किसानों से खरीद लिया. इनमें पैक्सों के किसानों को मात्र चार करोड़ ही भुगतान हुआ है. यानी भुगतान की स्थिति काफी खराब है. बिहार राज्य खाद्य निगम पैक्सों को भुगतान काफी धीमी गति से कर रहा है. पैक्सों से जुड़े किसानों को समय से पैसा नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है. हालांकि धान खरीद के बाद पैक्सों ने बीएसएफसी को 10 हजार क्विंटल धान की आपूर्ति कर दिया है. यानी जिले में किसानों को अधिकारी भुगतान भी नहीं करना चाह रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर समय से धान की खरीदारी शुरू होती तो सभी किसानों को लाभ होता. किसानों को भुगतान भी होता. लेकिन, धान खरीद केंद्र बिचौलियों का बिजनेस सेंटर बन गया था. सही किसानों को इतना चक्कर लगाना पड़ता है कि औने – पौने दाम में धान बेच दिया गया. धान खरीद के लिए सीसी लिमिट 262 पैक्सों को किया गया. एक पैक्स को पांच लाख रुपये राशि दी गई. धान में नमी का बहाना बनाकर खरीद को ठप रखा. जनवरी के अंत समय में धान खरीद शुरू किया. 28 फरवरी को क्रय की अंतिम तिथि थी. फिर 31 मार्च की गई. इस वर्ष किसानों को ए ग्रेड के धान का मूल्य 1700 रुपये प्रति क्विंटल तय था. बी ग्रेड के धान की कीमत 1660 रुपये प्रति क्विंटल तय हुआ था. सही से धान खरीद होने पर किसानों को काफी लाभ हो सकता था. जो नहीं हो सका.