शमीम हत्याकांड : साकेत भारद्वाज पर वारंट जारी
मुजफ्फरपुर : छात्र नेता शमीम हत्याकांड में अनिल ओझा के सहयोगी साकेत भारद्वाज के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया है. बताया जाता है कि 1 अगस्त को घटना के दिन साकेत भी मौजूद था. घटना के बाद से ही वह फरार है. लेकिन पूरे घटनाक्रम में वह नजर गड़ाये हुए है. उसकी तलाश […]
मुजफ्फरपुर : छात्र नेता शमीम हत्याकांड में अनिल ओझा के सहयोगी साकेत भारद्वाज के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया है. बताया जाता है कि 1 अगस्त को घटना के दिन साकेत भी मौजूद था. घटना के बाद से ही वह फरार है.
लेकिन पूरे घटनाक्रम में वह नजर गड़ाये हुए है. उसकी तलाश में पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की थी. वह वैशाली जिला के घोसवर का रहने वाला है. पूर्व भी अनिल ओझा के साथ कई कांड को अंजाम दे चुका है.
बताया जाता है कि शमीम हत्याकांड में शामिल अभियुक्तों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. अनुसंधान के क्रम में पुलिस घटना में शामिल सभी अभियुक्तों को चिह्ति कर चुकी है.
पुलिस की दबिश के कारण ही शुक्रवार को वार्ड 26 के पार्षद संजय पासवान व समस्तीपुर जिला के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के बरहेता निवासी बबन देव ने सीजेएम के समक्ष आत्मसर्मपण कर दिया था. दोनों को सीजेएम ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. पुलिस का कहना है कि साकेत की गिरफ्तारी नहीं होने पर जल्द ही कुर्की की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
रिमांड की प्रक्रिया शुरू
शमीम हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस संजय पासवान व बबन देव को रिमांड पर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सोमवार को कोर्ट में दोनों अभियुक्तों को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया जायेगा. पुलिस के जांच में यह बात सामने आयी है कि बबन देव छात्र नेता की हत्या के समय घटनास्थल पर मौजूद था.
इसके साथ ही जाइलो गाड़ी बरामद करना भी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. छानबीन में यह बात सामने आयी थी कि घटना को अंजाम देने के बाद सभी अभियुक्त जाइलो पर सवार होकर फरार हुए थे.
यह था मामला
1 अगस्त की शाम पौने पांच बजे छात्र जदयू के नेता शमीम की पांच सशस्त्र अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी पैदल ही फरार हो गये थे. आक्रोशित छात्रों ने जम कर तोड़–फोड़ करते हुए चाय दुकान व गुमटी को जला दिया था.
वही इस मामले में मृतक के पिता रहीम खान ने अनिल ओझा व राम कुमार को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 36 घंटे के अंदर कुर्की की प्रक्रिया को पूरा किया था.