भाजपा से गंठबंधन का फैसला 20 अप्रैल को

मुजफ्फरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि उन्हें भाजपा से हाथ मिलाने में कोई परहेज नहीं है. लेकिन अभी जल्दबाजी भी नहीं है. 20 अप्रैल को पटना में आयोजित रैली में इस पर फैसला लिया जायेगा. रैली में आये समर्थकों की सहमति से ही निर्णय होगा कि हिंदुस्तान अवाम मोर्चा किसके साथ खड़ा होगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2015 7:03 AM
मुजफ्फरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि उन्हें भाजपा से हाथ मिलाने में कोई परहेज नहीं है. लेकिन अभी जल्दबाजी भी नहीं है. 20 अप्रैल को पटना में आयोजित रैली में इस पर फैसला लिया जायेगा. रैली में आये समर्थकों की सहमति से ही निर्णय होगा कि हिंदुस्तान अवाम मोर्चा किसके साथ खड़ा होगा. राजनीतिक एजेंडा भी ऐतिहासिक गांधी मैदान में ही तय होगा. वे मंगलवार को स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
महागंठबंधन पर पूछे गये सवाल पर श्री मांझी ने कहा कि गंठबंधन में लालटेन-तीर का झंडा साइकिल पर सवार हो जायेगा. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के कारण सीएम पद त्यागने को लेकर पूछे गये सवालों पर पूर्व सीएम ने कहा कि हम सिर्फ अपने हित के लिए विधायकों को कुर्बान नहीं करना चाहते थे. विधायकों ने मेरा साथ दिया था. उनके हित को देखते हुए मैंने कुर्सी को छोड़ना ही मुनासिब समझा. मेरी समधिन भी विधायक हैं.

मैंने साफ तौर पर कहा था कि आपलोग वोट करें, कुर्बानी मैं दूंगा. पीएम नरेंद्र मोदी से नजदीकी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदीजी के व्यवहार में बहुत बदलाव आ गया है. बिहार के हित के लिए वह काम करने को तैयार हैं. भाजपा या मोदी मेरे लिए अछूता नहीं है. पूर्व सीएम ने दावे के साथ कहा कि मांझी की नइयां डूबती नहीं है, मुङो किनारा पकड़कर चलना आता है. दो दिन के दौरे पर आये श्री मांझी ने एक बार फिर जोर देते हुए कहा कि गरीबों की लड़ाई लड़ते रहेंगे. मैं गरीबों के समस्या को चुंबक की तरह पकड़ता हूं.

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