चीनी की मात्रा कम होने पर चढ़ेगा ग्लूकोज
फोटो दीपकआंगनबाड़ी सेंटरों में होगा बच्चों का शूगर टेस्टबीमारी की पहचान के लिए सीडीपीओ को किया गया प्रशिक्षितपीएचसी के मेडिकल ऑफिसर व सीडीपीओ बनायेंगे टीमआंगनबड़ी सेंटरों पर की जायेगी लक्षणों से पीडि़त बच्चों की जांचवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : एइएस से पीडि़त बच्चों की अब आंगनबाड़ी सेंटरों पर भी जांच होगी. सीडीपीओ व पीएचसी के मेडिकल […]
फोटो दीपकआंगनबाड़ी सेंटरों में होगा बच्चों का शूगर टेस्टबीमारी की पहचान के लिए सीडीपीओ को किया गया प्रशिक्षितपीएचसी के मेडिकल ऑफिसर व सीडीपीओ बनायेंगे टीमआंगनबड़ी सेंटरों पर की जायेगी लक्षणों से पीडि़त बच्चों की जांचवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : एइएस से पीडि़त बच्चों की अब आंगनबाड़ी सेंटरों पर भी जांच होगी. सीडीपीओ व पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज टीम बना कर सेंटरों पर जांच की व्यवस्था करायेंगे. प्रत्येक सेंटर पर ग्लूकोमीटर होगा. इससे बच्चों के चीनी के लेबल की जांच की जायेगी. जिस बच्चे में चीनी की मात्रा 55 एमजी से नीचे होगा, उसे ग्लूकोज चढ़ाने के लिए एपीएचसी या पीएचसी भेजा जायेगा. ग्लूकोज चढ़ाने के बाद उसकी स्थिति में सुधार होता है तो उसे वहीं रख कर इलाज किया जायेगा. सुधार नहीं होने पर उसे केजरीवाल या एसकेएमसीएच रेफर किया जायेगा. यह बातें जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने शुक्रवार को सीडीपीओ के प्रशिक्षण के दौरान कही. जिला स्वास्थ्य समिति में आयोजित प्रशिक्षण समारोह में यह कहा गया कि आंगनबाड़ी सेंटरों पर कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जायेगा. वैसे बच्चे जो सेंटर पर नामांकित नहीं होंगे, लेकिन उन्हें पौष्टिक आहार की जरू रत होगी तो उन्हें उपलब्ध कराया जायेगा. मौके पर प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ हसीब असगर ने प्रतिरक्षण के संदर्भ में जानकारी दी. जिला कुष्ठ रोग प्रभारी डॉ शिवचंद्र झा ने प्रखंड स्तर पर कुष्ठ रोगियों के किये जा रहे इलाज के बारे में बताया