एक अप्रैल से सील होंगे मोबाइल टावर

बकाया टैक्स व रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाली मोबाइल कंपनियों पर फैसला मुजफ्फरपुर : शहर में लगे मोबाइल टावरों के खिलाफ नगर निगम बड़ा फैसला लिया है. बकाया टैक्स का भुगतान एवं लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराने पर एक अप्रैल से निगम शहर में सभी कंपनियों के मोबाइल टावरों को सील करेगा. नगर निगम की इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2015 8:31 AM
बकाया टैक्स व रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाली मोबाइल कंपनियों पर फैसला
मुजफ्फरपुर : शहर में लगे मोबाइल टावरों के खिलाफ नगर निगम बड़ा फैसला लिया है. बकाया टैक्स का भुगतान एवं लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराने पर एक अप्रैल से निगम शहर में सभी कंपनियों के मोबाइल टावरों को सील करेगा. नगर निगम की इस कार्रवाई से शहर का मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से ठप हो सकता है.
इसका सीधा असर शहर के लाखों मोबाइल उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. इस संबंध में नगर निगम ने सभी मोबाइल टावर कंपनियों को नोटिस भेज दिया है. इसमें टैक्स जमा करने एवं लाइसेंस रिन्युअल कराने के लिए 31 मार्च तक का अंतिम समय दिया है. इसके लिए अब मात्र चार दिनों का समय बच गया है. नगर निगम में उपलब्ध सूची के अनुसार शहरी इलाके में विभिन्न कंपनियों के 198 टावर लगे हैं. इनमें से अबतक मात्र 45-50 टावर का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है. बाकी जितने भी टावर हैं, उनका अबतक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. इससे निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हो रहा है.
सोमवार तक की मोहलत
नगर निगम के वरीय टैक्स दारोगा अशोक कुमार सिंह एवं मोबाइल टावर प्रभारी सुनील कुमार ने वार्ड नंबर 11 एवं 14 में लगे तीन अलग-अलग निजी कंपनियों के टावर को कड़ी चेतावनी दी है. तीनों कंपनी के टावर को सोमवार तक की मोहलत दी गयी है. इसके अलावा जिनके मकान पर टावर लगा है, उन्हें भी निगम ने तलब किया है. वार्ड 14 के मणिशंकर प्रसाद को मकान का निगम से पास नक्शा लेकर सोमवार को बुलाया गया है. शहर में वैसे ही मकान की छत पर टावर लगाया जा सकता है, जिसका नक्शा नगर पालिका एक्ट के तहत एमआरडीए से मंजूर होगा.
50 हजार है टावर का रजिस्ट्रेशन शुल्क
नगर निगम क्षेत्र में टावर लगाने के बाद निगम से लाइसेंस प्राप्त करने का शुल्क सरकार ने 50 हजार रुपये निर्धारित किया है. इसके अलावा प्रत्येक टावर के लिए कंपनी को 15 हजार रुपये वार्षिक जमा करने का प्रावधान है. अगर एक टावर पर अलग-अलग कंपनियों का एंटीना लगाया जाता है, तो जितनी भी कंपनियों का एंटीना लगेगा, उसके हिसाब से प्रत्येक एंटीना रजिस्ट्रेशन शुल्क का 60 प्रतिशत यानी 30 हजार रुपये जमा करना है.
कंपनियों पर है करीब दो करोड़ बकाया
शहर में लगे मोबाइल टावर कंपनियों पर नगर निगम का करीब दो करोड़ रुपये बकाया है. इसमें सिर्फ एक करोड़ रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क का है. चालू वित्तीय वर्ष में एक भी टावर कंपनी ने निगम में टैक्स जमा नहीं किया है. जो कंपनियां टावर का रजिस्ट्रेशन करा चुकी हैं, उनका लाइसेंस रिन्यूअल के लिए निगम में कोई आवेदन नहीं आया है. निगम एक अप्रैल के बाद लाइसेंस रिन्यूअल नहीं कराने वाली टांवर कंपनियों के लाइसेंस को रद्द करते हुए आर्थिक जुर्माना लगाने की तैयारी में है. इसके अलावा बकाया टैक्स की वसूली डेढ़ प्रतिशत मासिक जुर्माना के साथ की जायेगी.

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