मुजफ्फरपुर: चौबीस घंटे के बदले शहर के लोगों को मात्र 18 घंटे ही हर दिन बिजली मिल रही है. एक घर में उपभोक्ता को इतनी ही बिजली उपलब्ध है. कुछ न कुछ कारण से आपूर्ति बाधित हर दिन हो जाती है. शहर में बिजली कम मिलने के कई कारण हैं. सबसे प्रमुख कारण है कि शहर में बिजली संचरण की व्यवस्था अच्छी नहीं है. गरमी आते ही बिजली के तार टूट रहे हैं. केवल मार्च माह में गरमी से बिजली तार टूटने के करीब 110 स्थानों से सूचना बिजली विभाग को मिली.
सभी तार लो टेंशन के हैं. इन स्थानों में करीब 15 स्थानों पर तार गाड़ियों के धक्के से भी टूट गये. लो टेंशन तार के टूटने के डर से सुबह में एक से डेढ़ घंटे, दिन में एक से डेढ़ घंटे व रात में भी एक से डेढ़ घंटे लोड शेडिंग पर रखा जाता है. ताकि तार सुरक्षित रह सके. यानी तार गरमी में बिजली सहन करने लायक नहीं है.
शहर के फीडर का बाइफरकेशन नहीं हो सका है. शहर में चार फीडर को बाइफरकेशन करना था. सभी फीडरों पर लोड संतुलित मात्र में रह सके. लेकिन कंपनी ने सिकंदरपुर, बैरिया फीडर के बाइफरकेशन कार्य को पूरा करने का दावा किया है. अभी जिला स्कूल व जीरोमाइल फीडर का बाइफरकेशन कार्य अधर में है. कंपनी ने यह काम रोक दिया है.
मदरसा चौक के उपभोक्ता राहुल कुमार व मो आसिफ बताते हैं कि कंपनी का ट्रांसफॉर्मर व तार लोड लेने लायक नहीं है. गरमी आते ही बिजली की आपूर्ति लचर हो गई है. बीबी गंज के वरुण कुमार, यादव नगर के अरुण कुमार व सर गणोश दत्त नगर के वीरेंद्र कुमार ठाकुर बताते हैं कि गरमी में जरू रत के हिसाब से बिजली नहीं मिल रही है. मुख्य रू प से खाना बनाने, बच्चों के पढ़ने व सुबह में पानी भरने में भी परेशानी होती है. क्योंकि इसी वक्त बिजली आपूर्ति किसी न किसी कारण से बाधित हो जाती है.