लीची अनुसंधान केंद्र ने किसानों के लिए जारी किया बुलेटिन

हेल्प लाइन नंबर9431813884,9835274642,9835171891, 993273391मुशहरी. सोमवार को आये आंधी-तूफान से आम व लीची के फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है. आम व लीची की डालें टूट कर गिर रही है. सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल को हुआ है. आये दिन किसानों के फोन व समस्याओं को देखते हुए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने हर सप्ताह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2015 8:03 PM

हेल्प लाइन नंबर9431813884,9835274642,9835171891, 993273391मुशहरी. सोमवार को आये आंधी-तूफान से आम व लीची के फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है. आम व लीची की डालें टूट कर गिर रही है. सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल को हुआ है. आये दिन किसानों के फोन व समस्याओं को देखते हुए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने हर सप्ताह में किसानों को जागरू क करने का फैसला लिया है. केंद्र के निदेशक डॉ विशालनाथ ने कहा कि पिछले दिनों हुई वर्षा से शाही के फलों को लाभ हुआ है, जबकि चाइना में मंजर लगे रहने के कारण आंधी से काफी नुकसान हुआ है. इसका आंकलन पेड़ों में फल लगने के बाद ही अंाका जा सकता है. उन्होंने किसानों को कुछ बिंदुओं पर सलाह देते हुए मोबाइल नंबर जारी किया है जिस पर लीची उत्पादक किसान फोन कर जानकारी ले सकते हैं. 9431813884,9835274642,9835171891, 993273391. उन्होंने कहा कि लीची के फलों पर साइपरमेथ्रीन 25 इसी दवा को 0.5 मिमी पानी के दर से छिड़काव करें. लीची के फलों पर प्लानोफिक्स चार मिमी प्रति 10 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें. इसके अलावा श्री नाथ ने लीची के बगानों में माइक्रो क्लाइमेट में सुधार के लिए छिड़काव विधि द्वारा पटवन की व्यवस्था अभी से शुरू कर दें.

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