परिजनों समेत आत्महत्या की धमकी दी तो मिला नो ड्यूज
मुजफ्फरपुर: श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में शनिवार की दोपहर अचानक अफरा-तफरी मच गयी, जब सेवानिवृत्त कर्मी रमेश राम अपने परिजनों के साथ आत्महत्या पर उतारू हो गये. सेवानिवृत्ति के बाद नो ड्यूज लेने के लिए पिछले दस महीने से वह कॉलेज का चक्कर लगा रहे थे. आज तक उनको पेंशन निर्धारण सहित सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं […]
मुजफ्फरपुर: श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में शनिवार की दोपहर अचानक अफरा-तफरी मच गयी, जब सेवानिवृत्त कर्मी रमेश राम अपने परिजनों के साथ आत्महत्या पर उतारू हो गये. सेवानिवृत्ति के बाद नो ड्यूज लेने के लिए पिछले दस महीने से वह कॉलेज का चक्कर लगा रहे थे.
आज तक उनको पेंशन निर्धारण सहित सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं मिल पाया था. घर की हालत बिगड़ने पर परिजनों के साथ प्राचार्य कक्ष के सामने आत्महत्या करने शनिवार को रमेश राम पहुंच गये. वहां मौजूद कर्मियों को चेतावनी दी कि अगर समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे विषपान कर लेंगे. यह जानकारी प्राचार्या डॉ उषा शर्मा को मिली और उन्होंने तुरंत पहल कर कर्मी को कक्ष में बुलवाया. महज आधा घंटा में रमेश राम को नो ड्यूज मिल गया. व्यवस्था से ऊब कर रमेश राम अपनी बेटी पूजा भारती, बेटा रंजीत कुमार व पोता के साथ कॉलेज पहुंचा था.
माइक्रोबायोलॉजी में थे कार्यरत
रमेश राम माइक्रोबायोलॉजी विभाग में चतुर्थवर्गीय पद पर कार्यरत थे. उन्होंने बताया कि उनकी सेवानिवृत्ति 31 मई 2014 को ही हुई. जिस ऑफिस में वह काम करता था उसी कार्यालय के अधिकारी नो ड्यूज नहीं दे रहे थे. अभी तक पेंशन निर्धारण लंबित है.
भटक रहे कई कर्मचारी
मेडिकल कॉलेज के रमेश राम की तरह अभी और भी कई कर्मचारी हैं जो नो ड्यूज के लिए भटक रहे हैं. उन्हें भी इसी तरह कोई-न-कोई बहाना बना कर टाल दिया जा रहा है. बताया जाता है कि रामेश्वर राय, नागेंद्र राय, रमा देवी, उपेंद्र पांडेय आदि कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद नो ड्यूज के लिए चक्कर काटना पड़ रहा है.
वजर्न
रमेश राम आये थे. उनके मामले के बारे में मुङो कोई जानकारी ही नहीं थी. जब जानकारी मिली तो तुरंत उन्हें नो ड्यूज दे दिया गया. अन्य कर्मचारियों का नो-ड्यूज भी जल्द दे दिया जायेगा. ताकि उन्हें परेशानी नहीं हो.
डॉ उषा शर्मा, प्राचार्या, एसकेएमसीएच