कैंपस से बाहर दिखे परीक्षक, लगी फटकार

मुजफ्फरपुर: एमडीडीएम कॉलेज में रविवार को इंटर परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान काफी संख्या में पैरवीकार कॉलेज के आसपास घूम रहे थे. कुछ परीक्षक भी मूल्यांकन कक्ष से बाहर निकल कर उनसे बातचीत कर रहे थे. शिकायत मिलने पर प्राचार्या सह मूल्यांकन निदेशक डॉ ममता रानी कॉलेज पहुंची. इस दौरान कुछ परीक्षक कैंपस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2015 7:40 AM
मुजफ्फरपुर: एमडीडीएम कॉलेज में रविवार को इंटर परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान काफी संख्या में पैरवीकार कॉलेज के आसपास घूम रहे थे. कुछ परीक्षक भी मूल्यांकन कक्ष से बाहर निकल कर उनसे बातचीत कर रहे थे. शिकायत मिलने पर प्राचार्या सह मूल्यांकन निदेशक डॉ ममता रानी कॉलेज पहुंची.

इस दौरान कुछ परीक्षक कैंपस से बाहर ही मौजूद थे. प्राचार्या ने उन सभी को जम कर फटकार लगायी. यही नहीं दुबारा मूल्यांकन के दौरान कैंपस से बाहर निकलने की स्थिति में उन्हें कॉपी जांच से अलग कर देने की भी चेतावनी दी. बाद में प्राचार्या बारी-बारी से उन सभी कमरों का निरीक्षण किया, जिसमें मूल्यांकन कार्य चल रहा है. इस दौरान कुछ परीक्षकों को हिदायत दी गयी कि वे बिना सूचना के कारण कमरे से बाहर न आये. कुछ परीक्षक अपना टेबुल छोड़ कर दूसरे के टेबुल पर पाये गये. इस पर भी प्राचार्या ने आपत्ति जतायी और कार्रवाई की चेतावनी दी.

एक दर्जन शिक्षकों का नहीं लिया योगदान
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर की कॉपियों की जांच के लिए परीक्षकों की लिस्ट जारी की है. उसमें से कई शिक्षकों ने अभी तक योगदान नहीं दिया है. नियमों के तहत परीक्षकों के योगदान नहीं देने की स्थिति में मूल्यांकन निदेशक को नया परीक्षक बहाल करने का अधिकार है. सूचना पाकर कई स्थानीय स्कूलों के शिक्षक मूल्यांकन केंद्र पर पहुंच कर कॉपी जांच की इच्छा जता रहे हैं. रविवार को करीब एक दर्जन शिक्षक आवेदन लेकर एमडीडीएम कॉलेज पहुंचे व प्राचार्या डॉ ममता रानी से मिले. लेकिन प्राचार्या ने उन्हें परीक्षक बनाने से पूर्व संबंधित स्कूल के प्राचार्य से तीन साल कार्य का अनुभव होने का प्रमाण पत्र लाने को कहा. डॉ ममता रानी ने बताया कि नियमों के तहत परीक्षक बनने के लिए शिक्षक को नौकरी के न्यूनतम तीन साल व इंटर में पढ़ाने का अनुभव अनिवार्य है.

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