पेज न. 3: शुद्ध पानी : सुबह-शाम लगती हैं बाल्टी की लाइन
नगर में पाइप लाइन सेवा तो ठप ही हैं लेकिन पीएचइडी का दावा हैं कि प्रतिदिन 7 लाख लीटर पानी प्रतिदिन सप्लाई की जाती है. सच्चाई ये हैं कि शुद्ध पानी के लिए नगरवासियों को दूरियां तय करनी पड़ती है. बेतिया. शहर में पीएचइडी की पाइप लाइनें वर्षों पहले ही दम तोड़ चुकी हैं. नगर […]
नगर में पाइप लाइन सेवा तो ठप ही हैं लेकिन पीएचइडी का दावा हैं कि प्रतिदिन 7 लाख लीटर पानी प्रतिदिन सप्लाई की जाती है. सच्चाई ये हैं कि शुद्ध पानी के लिए नगरवासियों को दूरियां तय करनी पड़ती है. बेतिया. शहर में पीएचइडी की पाइप लाइनें वर्षों पहले ही दम तोड़ चुकी हैं. नगर परिषद की ओर से एक वार्ड में तीन चापाकल इधर हाल में लगाये गये हैं. लेकिन शुद्ध पानी नगरवासियों के लिए आज भी सपना है. चंपारण के पानी में आयरन की मात्रा ज्यादा रहने के कारण साधारण चापाकल का पानी पीने योग्य होता नहीं है. इसलिए शुद्ध पानी के लिए नगरवासियों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. क्योंकि एक वार्ड का क्षेत्रफल करीब तीन से चार किलोमीटर है. इससे वार्ड में लगे सरकारी चापाकल तक पहुंचने के लिए लोगों को दो किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. दुर्गाबाग व कालीधाम मंदिर में लगता हैं मेला पानी के लिए बाल्टी, गैलन व बोतल की लाइन देखनी हो तो नगर के दुर्गाबाग व कालीधाम मंदिर में पहुंचे. सुबह 6 बजे ही लोग इस मंदिर के सरकारी तारा पंप पर लाइन लगा देते हैं. फिर शाम में भी ऐसा ही कुछ नजारा रहता है. पानी के लिए आये लोगों ने बताया कि उनके पास उतना पैसा नहीं है कि वे अपने घर पर बोरिंग करा ले. इसलिए शुद्ध पानी के लिए मंदिर आ जाते हैं. दुर्गा मां का दर्शन भी हो जाता है और पानी भी मिल जाता है. बयान — पूरे शहर में पाइप लाइन सेवा चालू करने के लिए पीएचइडी को पैसा उपलब्ध करा दिया गया है. विधायक निधि से भी शहरी क्षेत्र में चापाकल लग रहे है. इससे पेयजल की समस्या जल्द ही दूर हो जायेगी. अखिलेश्वर प्रसाद वर्मा, नप इओ, बेतिया