गन्‍ने की मिठास पर पायरीला का हमला

मुजफ्फरपुर: सैनिक कीट के हमले से गन्ना के पौधों को निजात नहीं मिली थी, इसी बीच गन्ना पर पायरीला कीट ने भी आक्रमण शुरू कर दिया है. यह कीट गन्ना का रस चूसकर मिठास ही समाप्त कर रहा है. इस कीट के आक्रमण के शिकार पौधा में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2015 7:35 AM

मुजफ्फरपुर: सैनिक कीट के हमले से गन्ना के पौधों को निजात नहीं मिली थी, इसी बीच गन्ना पर पायरीला कीट ने भी आक्रमण शुरू कर दिया है. यह कीट गन्ना का रस चूसकर मिठास ही समाप्त कर रहा है. इस कीट के आक्रमण के शिकार पौधा में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाती है. इसके विकास पर भी विपरीत असर पड़ रहा है. यानी उत्पादन भी कम होगा. कृषि वैज्ञानिकों ने इसका नाम पाइरीला पपरूसिला बताया है. यह हेमिप्टेरा गुण के फलगोरिडो कुल का कीट बता जा रहा है. पायरीला के हमले से गन्ना फसल के लिए पूरे सूबे में आपातकालीन स्थिति बन गयी है. इस कीट का पहला आक्रमण मॉनसून से पहले अप्रैल व मई में होता है, लेकिन इस वर्ष इसका प्रकोप गन्ना व मक्का दोनों में माह अप्रैल में ही दिख रहा है.

कीट की पहचान
प्रौढ़ पायरीला की लंबाई 10 मिलीमीटर व पंख विस्तार सहित 22 मिलीमीटर तक होती है. इसका रंग गन्‍ने की सूखी पत्तियों जैसा होता है. सिर के आगे एक नोकदार नाक निकली होती है. जिसे प्रोथ कहते हैं. शिशु कीट के अंतिम उदर सा वाले भाग में दो उजला पूंछ जैसा अंग होता है.
क्षति की मात्र
शिशु कीट व वयस्क कीट दोनों ही ईख की पत्तियों के नीचे की तरफ बैठकर रस चूसते हैं, जिससे पत्तियां पीली पड़ रही है. शिशु कीट एक प्रकार का मीठा रस भी छोड़ता है. इस कारण पत्तियां चिपचिपी हो जाती है. उसपर एक प्रकार का फफूंद लग जाता है. इसके बाद प्रकाश संश्लेषण की क्रिया मंद पड़ जाती है. इस कीट के आक्रमण से 25 से 30 प्रतिशत तक चीनी की मात्र में कमी आ जाती है.
कीट का जीवन चक्र
यह कीट पूरे वर्ष भर वृद्धि करता है. वयस्क मादा तीन सौ से पांच सौ अंडे गुच्छे में देती है. अंडे पत्ती की निचली सतह पर ग्रीष्म ऋतु में देती है. अंडे सफेद रोयादार पदार्थ से ढंके होते हैं. अंडे अंडाकार व सफेद होते हैं. जिन पर तीन से पांच खड़ी रेखाएं होती है. एक पंक्ति में 35 से 50 अंडे जो आठ से 10 दिनों में प्रौढ़ होकर फूटते हैं.
ऐसे करें बचाव
देर से नेत्रजनीय उर्वरक का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
अंडे के समूह को अलग कर नष्ट कर देना चाहिए.
जब प्रति पत्ती की दर से तीन से पांच पाइरीला कीट दिखाई दे
डायक्लोरोभोस 0.1 प्रतिशत या मालाथियॉन 0.1 प्रतिशत कीटनाशी का प्रयोग करना चाहिए
शिशु कीट इसका रंग मटमैला सफेद होता है. वह निकलते ही कुछ दूर चलकर पत्तियों का रस चूसना प्रारंभ कर देता है. शिशु कीट काल चार से नौ सप्ताह का होता है. यह निर्भीव के बाद वयस्क बन जाता है. इस प्रकार 50 से 60 दिन में एक जीवन चक्र पूरा होता है. वर्ष भर में लगभग तीन से चार पीढ़ियां पायी जाती हैं. इस कीट से गन्ना व मक्का बरबाद हो रहा है.
हेमचंद्र चौधरी,पौधा रोग विशेषज्ञ, केवीके सरैया,मुजफ्फरपुर

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