फिर टली डॉक्टरों के भवनों की मापी

मुजफ्फरपुर: शहर में अवैध तरीके से बनाये जा रहे मल्टी स्टोरी भवन व अपार्टमेंट की जांच करने से नगर निगम कतरा रहा है. डीएम आवास से सटे निर्माणाधीन डॉ शुभद्रा, डॉ धीरेंद्र व शालिनी कुमारी के मल्टी स्टोरी भवनों की जांच दूसरी बार टाल गयी. कहा गया कि जांच कमेटी के सदस्य समय से नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 7:29 AM
मुजफ्फरपुर: शहर में अवैध तरीके से बनाये जा रहे मल्टी स्टोरी भवन व अपार्टमेंट की जांच करने से नगर निगम कतरा रहा है. डीएम आवास से सटे निर्माणाधीन डॉ शुभद्रा, डॉ धीरेंद्र व शालिनी कुमारी के मल्टी स्टोरी भवनों की जांच दूसरी बार टाल गयी. कहा गया कि जांच कमेटी के सदस्य समय से नहीं पहुंचे.
इससे पहले 16 मार्च को डॉक्टरों के निर्माणाधीन भवनों की मापी के लिए टीम को जाना था, लेकिन टीम नहीं जा सकी. इसके बाद 16 अप्रैल की तिथि निर्धारित हुई. इसकी सूचना सभी सदस्यों को दी गयी थी. बावजूद सहायक अभियंता संतोष कुमार, वास्तुविद विपुल कुमार को छोड़ कमेटी में शामिल एक भी सदस्य समय से निगम नहीं पहुंचा. बाद में नगर सचिव, कार्यपालक अभियंता ने डीएम के जनता दरबार में रहने की बात कही. सहायक अभियंता ने बताया कि अब दूसरे दिन जांच की जायेगी. जल्द ही नयी तिथि की घोषणा की जायेगी.
दुर्गा शंकर के अस्पताल की मापी आज
जनवरी में एमआरडीए की समीक्षा के दौरान नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने लंबित 29 मामले को नये सिरे से जांच का आदेश दिया था. इसके बाद नक्शा का उल्लंघन कर बनायी गयी इमारतों की जांच के लिए धावा दल गठित हुआ. प्रथम चरण में शहर के चर्चित व हाइ प्रोफाइल मामले की जांच शुरू हुई. इसके लिए डॉ शुभद्रा, डॉ धीरेंद्र के साथ-साथ शहर के कई नामी-गिरामी डॉक्टरों के निर्माणाधीन भवनों की मापी दोबारा कराने का फैसला हुआ. इसमें सर्किट हाउस के समीप स्थित डॉ दुर्गा शंकर के अस्पताल भवन की भी मापी होनी है. डॉ दुर्गा शंकर के अस्पताल भवन की मापी के लिए 17 अप्रैल की तिथि तय है.
डीएम की आपत्ति पर शुरू हुई थी जांच
डीएम आवास से सटा कर बनाये जा रहे मल्टी स्टोरी भवन के नक्शा पास होने पर तत्कालीन डीएम संतोष कुमार मल्ल ने आपत्ति जतायी थी. इसके बाद निगम ने रातों-रात मामले की जांच शुरू कर दी थी. हालांकि, नक्शा पास करने में गड़बड़ी करनेवाले एमआरडीए के कुछ कर्मचारियों के शामिल रहने के कारण मामला हाइकोर्ट पहुंच गया, तब से आज तक बार-बार जांच व मापी होती है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

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