लहठी और लीची के बाद अब मुजफ्फरपुर को कपड़े के क्षेत्र में मिली पहचान, दिल्ली हाट में लगे रेडीमेड कपड़ों के 4 स्टॉल

लहठी और लीची के बाद अब मुजफ्फरपुर में बने कपड़ों की पहचान भी राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है. दिल्ली हाट में आयोजित बिहार उत्सव में रेडीमेड गारमेंट से जुड़े चार स्टॉल लगाए गए हैं.

By Anand Shekhar | March 20, 2024 2:07 PM
an image

दिल्ली हाट (आइएनए ) में 16 मार्च से बिहार की संस्कृति पर आधारित बिहार उत्सव का आयोजन किया गया है. जिसमें मुजफ्फरपुर जिला के हुनर ने भी उपस्थिति दर्ज करायी है. जिसकी खूब चर्चा हो रही है. जिला उद्योग विभाग की ओर से दिल्ली हाट में 4 स्टॉल लगाया गया है. जिसमें सभी रेडीमेड गारमेंट से जुड़े है. यहां कपड़े की दो स्टॉल को महिलाएं संचालित कर रही है.

राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम में रेडीमेड गारमेंट को लेकर भी मुजफ्फरपुर की पहचान बन रही है. पहले से लहठी और लीची के साथ अब टेक्सटाइल को लेकर भी देश और दुनिया प्रसिद्धि मिल रही है. दिल्ली हाट में लगे स्टॉल में हर दिन लोगों का रुझान बढ़ रहा है. जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक अभिलाषा भारती ने बताया कि दिल्ली हाट में जिला से 4 स्टॉल लगाया गया है. उत्सव कार्यक्रम में यहां के स्टॉल को बेहतर रिस्पांस मिल रहा है.

31 मार्च तक बिहार उत्सव का होना है, आयोजन

दिल्ली हाट आइएनए में 31 मार्च 2024 तक बिहार उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. बता दें कि इसमें राज्य भर से कारीगर ग्रामीण बुनकर, हथकरघा का हुनर पेश कर रहे है. इसके अलावा बिहार के खानपान का भी लोगों को स्वाद चखाने के साथ संस्कृति की प्रदर्शनी लगायी गयी है.

आयोजन को लेकर जिला स्तर से लेकर पटना उद्योग विभाग की ओर से टीम भी दिल्ली में तय तिथि तक कैंप करेगी. दिल्ली में रहने वाले बिहार के लोग हैशटैग दिल्ली हाट बिहार उत्सव टैग कर लोगों को घूमने के लिये अपील कर रहे है.

स्टार्टअप और लोक संगीत की भी प्रस्तुति

कार्यक्रम में कलाकारों की ओर से उनके कला की खास प्रस्तुति देखने को मिल रही है. जिसमें बिहार के हस्तकरघा, हस्तशिल्प, कारीगर, ग्रामीण बुनकर और स्टार्टअप शामिल है. इसके साथ ही लोक संगीत की भी गूंज लोगों को सुनने को मिल रही है. बिहार अपने लोक संगीत के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है.

इसके अलावा दिल्ली हाट आइएनए में मिथिला, मधुबनी, पटना टिकुली कला, मंजूषा पेंटिंग, भागलपुरी सिल्क, बिहार खादी के कपड़े और प्रोडक्ट, जुट प्रोडक्ट और ज्वेलरी, हैंडलूम जैसी कई खास वस्तुओं पर आधारित प्रदर्शनी को भी लगाया गया है.

यह भी पढ़ें : बिहार की शाही लीची के दीवाने हुए खाड़ी देशों के लोग, इस बार अधिक डिमांड

Exit mobile version