मुजफ्फरपुर: कॉलेजों में जो ग्रांट मिलता है, वह पब्लिक मनी है. ऐसे में इसे छुपाया नहीं जा सकता. इस संबंध में मांगी गयी सूचना उपलब्ध करानी होगी. यह बातें बीआरए बिहार विवि के कुलपति डॉ रवि वर्मा ने मंगलवार को लोक सूचना प्राधिकार की बैठक में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा.
इसमें वादी केशव कुमार मंटू ने पंडित यमुना कारजी जयंती कॉलेज के प्राचार्य से ग्रांट के बंटवारे के बारे में जानकारी मांगी थी. मगर सूचना का जवाब देते हुए प्राचार्य ने कहा था कि यह गोपनीय मामला है, इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. कुलपति ने प्राचार्य को एक सप्ताह के अंदर सूचना देने का आदेश दिया. ऐसा नहीं करने पर उन्हें दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी.
एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी उमाशंकर तिवारी कॉलेज बगहा (पश्चिमी चंपारण) के प्राचार्य को मौके पर मौजूद नहीं रहने पर कुलपति ने रोष प्रकट किया. इसमें प्रो अरविंद नाथ तिवारी ने प्राचार्य से शासी निकाय की ओर से प्रोफेसर की नियुक्ति रद्द किये जाने के मामले में सूचना प्राचार्य से मांगी गयी थी. प्राचार्य पिछली दो सुनवाई के दौरान भी उपस्थित नहीं हुए थे. प्राधिकार ने सुनवाई की अगली तारी को उन्हें स्वयं उपस्थित होने का आदेश दिया. ऐसा नहीं करने पर दंड की चेतावनी दी.
वहीं दूर शिक्षा निदेशालय में प्रशासनिक पदाधिकारी ललन कुमार सिंह की नियुक्ति व योग्यता के संबंध में निदेशक डॉ गणोश कुमार ने वादी विनय कुमार सिंह व रवींद्र कुमार सिंह को सूचना उपलब्ध करा दी. इसके बाद मामले का निष्पादित घोषित कर दिया गया. बैठक में नौ अन्य मामलों की सुनवाई हुई. मौके पर कुलसचिव डॉ एपी मिश्र, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह सहित कई कॉलेज के प्राचार्य भी मौजूद थे. लोक सूचना पदाधिकारी डॉ रघुनंदन प्रसाद सिंह ने बताया कि प्राधिकार की अगली बैठक 27 मई को होगी.