समस्या जोड़ संवाददता, मुजफ्फरपुरजिला परिवहन कार्यालय में करीब पांच हजार वाहन मालिकों के वाहन ट्रांसफर का मामला लटका पड़ा है. इसको लेकर रोज परिवहन कार्यालय में करीब आधा दर्जन वाहन मालिक चक्कर काटते रहते है. लेकिन इनकी समस्या का कोई समाधान नहीं होता है. इसमें कई मामले पांच से छह साल से भी अधिक पुराने नियम है. परिवहन विभाग के नियम के पेंच में यह काम लटका पड़ा है. परिवहन नियम कहता है कि वाहन ट्रांसफर के केस में स्थानीय कार्यालय में इंट्री से पूर्व वाहन मालिक द्वारा दूसरे जिले से लाये गये एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) की जांच विभाग द्वारा संबंधित कार्यालय में पत्र भेजकर की जाती है. जब तक उस पत्र का जवाब संबंधित कार्यालय से नहीं आ जाता है तब तक स्थानीय कार्यालय में वाहन की इंट्री नहीं हो सकती है. ऐसे दर्जनों मामले है जिसमें एनओसी जांच रिपोर्ट भेजने के लिए तीन चार बार रिमांइडर संबंधित कार्यालय को भेजा गया लेकिन जवाब नहीं मिलने के कारण यह मामले कार्यालय में लटके पड़े है. पांच सौ से अधिक परमिट का मामला लटकावहीं आरटीए कार्यालय में 20 फरवरी के बाद से करीब पांच सौ से अधिक वाहनों के परमिट का मामला लटका हुआ है. इसमें करीब तीन सौ ऑटो के परमिट के अस्थायी परमिट का मामला है. वहीं दूसरी ओर से 200 से अधिक बसों के शॉट परमिट का मामला लटका है. बताते चले कि इसको लेकर कई बार वाहन मालिक प्रमंडलीय आयुक्त से शिकायत कर चुके है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.
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वर्षो से लटका पांच हजार वाहन ट्रांसफर का मामला लटका
समस्या जोड़ संवाददता, मुजफ्फरपुरजिला परिवहन कार्यालय में करीब पांच हजार वाहन मालिकों के वाहन ट्रांसफर का मामला लटका पड़ा है. इसको लेकर रोज परिवहन कार्यालय में करीब आधा दर्जन वाहन मालिक चक्कर काटते रहते है. लेकिन इनकी समस्या का कोई समाधान नहीं होता है. इसमें कई मामले पांच से छह साल से भी अधिक पुराने […]
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