दारोगा गंगा दयाल बरखास्त
मुजफ्फरपुर: आठ साल पुराने आर्म्स एक्ट के झूठे मामले में फंसाने पर डीजीपी पीके ठाकुर ने नगर थाने के दारोगा गंगा दयाल प्रसाद को बरखास्त कर दिया है. मामला सीतामढ़ी से जुड़ा है. गंगा दयाल 94 बैच के दारोगा थे. घटना के समय वह सीतामढ़ी के नगर थाने में तैनात थे. डीजीपी ने कार्रवाई की […]
मुजफ्फरपुर: आठ साल पुराने आर्म्स एक्ट के झूठे मामले में फंसाने पर डीजीपी पीके ठाकुर ने नगर थाने के दारोगा गंगा दयाल प्रसाद को बरखास्त कर दिया है. मामला सीतामढ़ी से जुड़ा है. गंगा दयाल 94 बैच के दारोगा थे. घटना के समय वह सीतामढ़ी के नगर थाने में तैनात थे. डीजीपी ने कार्रवाई की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है. कार्रवाई के बाद एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र ने दारोगा को पत्र भेज कर बरखास्तगी की सूचना दे दी है. इस मामले में पूर्व में छह सिपाहियों पर बरखास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है.
यह था मामला
सीतामढ़ी के सुरेंद्र प्रसाद खाद्यान्न के कारोबारी थे. 2007 में राजकिशोर पासवान उनके यहां काम करते थे. निजी कारणों से उन्होंने व्यवसायी के यहां काम करना छोड़ दिया. उसके बाद सुरेंद्र के गोदाम पर बार-बार छापेमारी होने लगी. इस दौरान उनके पिता को जेल भी जाना पड़ा. उसे शंका हुई कि राजकिशोर ही प्रशासन से मिल कर यह सब करवा रहा है, जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी. सुरेंद्र ने क्यूआरटी पार्टी में शामिल पुलिस कर्मियों से मिल कर राजकिशोर को हथियार के साथ फंसाने की साजिश रची. नगर थाने के सामने भवदेपुर स्थित राजकिशोर के मकान में छापेमारी की गयी. उनके घर के से हथियार बरामदगी दिखायी गयी.
लेकिन, तत्कालीन डीआइजी अरविंद पांडेय की जांच रिपोर्ट से सारा मामला खुल गया. गलत मुकदमे में फंसाने पर सभी आरोपितों पर 182/211 के तहत प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी.
वर्तमान में मुखिया है राजकिशोर
राजकिशोर पासवान बथनाहा प्रखंड की शाहपुर शीतलपट्टी पंचायत के मुखिया हैं. सवा तीन माह तक जेल में रहने के बाद उन्होंने मुआवजा के लिए हाइकोर्ट में मामला दायर किया था. हाइकोर्ट के आदेश पर डीएम ने पत्र जारी किया. बथनाहा बीडीओ ने उन्हें 50 हजार मुआवजा के तौर पर दिया.
छह सिपाही हुए थे बरखास्त
गलत मुकदमा में फंसाने के आरोपित छह पुलिस कर्मियों को तत्कालीन एसपी राकेश राठी ने बरखास्त कर दिया था. इम्तियाज खां, ललन यादव, नकाब हुसैन, सुरेंद्र कुमार, सुनील तिवारी व जय प्रकाश तिवारी क्यूआरटी में शामिल थे. इम्तियाज खान वर्तमान में सीतामढ़ी एसपी के आवास से सटे ही सरकारी आवास में कब्जा जमाये हुए हैं. वहीं ललन यादव लंबे समय तक हाजीपुर से विधायक रहे नित्यानंद राय का बॉडीगार्ड रहा है. वे वर्तमान में उजियारपुर से सांसद हैं.
क्या कहते है राजकिशोर
निदरेष रहते हुए भी उन्हें सवा तीन माह तक जेल में रहना पड़ा. उसकी कीमत 50 हजार रुपये लगायी गयी. उन्होंने इसके खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करायी है. तीन-चार दिनों में आयोग की टीम सीतामढ़ी आने वाली है. यहीं नहीं, फिर से न्याय के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.