मुजफ्फरपुर: गरमी की शुरुआत में ही डायरिया के मरीजों की बढ़ती तादाद देख डॉक्टर हैरान हैं. इस बीमारी से सबसे अधिक पीड़ित बच्चे हो रहे हैं. जिले में रोज सरकारी से लेकर नर्सिग होम तक 50 बच्चों को भरती किया जा रहा है. एसकेएमसीएच में आठ व सदर अस्पताल में चार बच्चों का इलाज किया […]
मुजफ्फरपुर: गरमी की शुरुआत में ही डायरिया के मरीजों की बढ़ती तादाद देख डॉक्टर हैरान हैं. इस बीमारी से सबसे अधिक पीड़ित बच्चे हो रहे हैं. जिले में रोज सरकारी से लेकर नर्सिग होम तक 50 बच्चों को भरती किया जा रहा है. एसकेएमसीएच में आठ व सदर अस्पताल में चार बच्चों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन सबसे अधिक भीड़ केजरीवाल अस्पताल में है. यहां के चार वार्ड बीमार बच्चों से भर चुका है.
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फिलहाल यहां 135 बच्चों का इलाज चल रहा है. हर रोज आठ से दस बच्चे भरती हो रहे हैं. एक दो दिनों के बाद 20-25 बच्चों की छुट्टी तो हो रही है, लेकिन रोज मरीजों की बढ़ती तादाद के कारण अस्पताल में जगह कम पड़ गया है. आलम यह है कि एइएस के लिए बने वार्ड भी डायरिया से पीड़ित बच्चों से फुल हो चुका है. बच्चों की बढ़ती तादाद के कारण अस्पताल प्रबंधन के लिए चिंता की स्थिति हो गयी है.
केजरीवाल शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार कहते हैं कि गरमी का सीजन शुरू होते डायरिया का इतना प्रकोप उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था. डॉ राजीव कहते हैं कि गरमी के समय में बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान नहीं रखने के कारण ऐसा हो रहा है. सफाई से नहीं रहने के कारण भी यह बीमारी फैल रही है.
चमकी व बुखार से एक बच्चे की मौत
एसकेएमसीएच के पीयूसीआई में चमकी व बुखार से पीड़ित कुढ़नी के नौ वर्षीय रौशन ने बुधवार को दम तोड़ दिया. उसे 20 अप्रैल को अस्पताल में भरती कराया गया था. हालांकि इलाज करने वाले डॉक्टरों ने मौत की वजह ब्रोकोनमैनिया बताया है. इस तरह अब तक चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या दो हो गयी है. इधर, बुधवार को चमकी व बुखार से पीड़ित एक बच्चे को भरती किया गया.