हाल सदर अस्पताल का: दोपहर 12.45 बजे बंद हो गया ओपीडी

मुजफ्फरपुर: सदर अस्पताल में मरीजों का इलाज डॉक्टरों की मरजी पर है. वे जब चाहे इलाज करें, जब चाहे उठ कर चले जाएं. इसे देखने वाला कोई नहीं है. इधर, डॉक्टर गये तो उधर उनका अटेंडेंट ने भी ओपीडी में ताला लगा दिया. ऐसा ही दृश्य गुरुवार को देखने को मिला. यहां दोपहर 12.45 बजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2015 7:22 AM
मुजफ्फरपुर: सदर अस्पताल में मरीजों का इलाज डॉक्टरों की मरजी पर है. वे जब चाहे इलाज करें, जब चाहे उठ कर चले जाएं. इसे देखने वाला कोई नहीं है. इधर, डॉक्टर गये तो उधर उनका अटेंडेंट ने भी ओपीडी में ताला लगा दिया. ऐसा ही दृश्य गुरुवार को देखने को मिला. यहां दोपहर 12.45 बजे सभी डॉक्टर ओपीडी छोड़ चुके थे. दोपहर एक बजे तक शिशु रोग, चर्म रोग, दंत रोग, फिजियोथेरापिस्ट व मनोरोग विभाग में ताला लग चुका था. सिर्फ मेडिसीन विभाग में डॉ एसएन पांडेय मौजूद थे.

उन्होंने सरदी-खांसी, बुखार से संबंधित मरीजों का इलाज किया. अन्य मरीज डॉक्टरों के इंतजार में बैठे रहे. नियम के अनुसार यहां सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी खोलने का निर्देश है. रजिस्ट्रेशन व दवा काउंटर भी इस समय तक खुला रहता है. लेकिन डॉक्टर जब चाहे निकल जाते हैं. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. अस्पताल कर्मियों का कहना है कि यहां हमेशा ऐसे ही होता है. समय से पहले ही ओपीडी बंद कर दिया जाता है.

बिना इलाज लौटे दो दर्जन से अधिक मरीज
ओपीडी के समय के बावजूद डॉक्टरों के नहीं होने के कारण मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा. दोपहर पौने एक से लेकर दो बजे के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया. बीमारी के अनुसार उनके पुरजे पर ओपीडी रूम नं. भी लिखा गया. लेकिन जब मरीज ओपीडी में पहुंचे तो पता चला कि डॉक्टर साहब उठ चुके हैं. वे कल देखेंगे. इन मरीजों में कई मरीजों की हालत ज्यादा खराब थी. कई मरीज सुदूर गांव से आये थे. उन्हें बताया गया कि डॉक्टर अभी नहीं आयेंगे, उसके बावजूद वे इंतजार में बैठे रहे.
मेरे पास कोई मरीज शिकायत करने नहीं पहुंचा है. मुङो इसकी जानकारी नहीं है. ओपीडी समय से पहले बंद हुआ है तो इसकी जांच की जायेगी.
डॉ नरेश चौधरी, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल

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