भूकंप पर विशेषज्ञ की राय: झटके और होंगे महसूस, पर डरने जैसी बात नहीं

– डॉ कमलेश प्रसाद, पूर्व विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, बीआरए बिहार विवि भूकंप के मुख्यत: तीन बेल्ट माने जाते हैं. पहला हिमालय का क्षेत्र. यहां भूकंप आने की सबसे ज्यादा आशंका रहती है. दूसरा मैदानी क्षेत्र. इसके अंतगर्त बिहार सहित अधिकांश उत्तर भारत के राज्य आते हैं. हिमालय क्षेत्र की अपेक्षा यहां भूकंप की सबसे कम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2015 9:04 PM

– डॉ कमलेश प्रसाद, पूर्व विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, बीआरए बिहार विवि भूकंप के मुख्यत: तीन बेल्ट माने जाते हैं. पहला हिमालय का क्षेत्र. यहां भूकंप आने की सबसे ज्यादा आशंका रहती है. दूसरा मैदानी क्षेत्र. इसके अंतगर्त बिहार सहित अधिकांश उत्तर भारत के राज्य आते हैं. हिमालय क्षेत्र की अपेक्षा यहां भूकंप की सबसे कम संभावना रहती है. तीसरा क्षेत्र प्रायद्विपीय क्षेत्र है. इसके अंतर्गत अधिकांश दक्षिणी भारत के राज्य आते हैं. इसे सबसे शांत क्षेत्र माना जाता है. हालांकि 1963 में कोइना में भूकंप आने के बाद इस मिथक को थोड़ा झटका लगा है और अब इसे भी पूर्णत: सुरक्षित क्षेत्र नहीं माना जा रहा है. शनिवार को जो भूकंप का झटका लगा है, उसका सेंटर पोखरा (नेपाल) में बताया जा रहा है. यह हिमालय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इस कारण वहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. नुकसान का एक और कारण इसका उत्तर की ओर मूवमेंट होना है. इसकी गति सबसे ज्यादा तीव्र मानी जाती है. 180 मिलियन वर्ष में यह नौ हजार किलोमीटर उत्तर की ओर खिसक चुका है. वैज्ञानिकों के लिए भी यह आश्चर्य का विषय है. भूकंप के कारण धरती के अंदर (तिब्बत प्लेट का) आइसो स्टैटिक इक्यूबिलिरियम बिगड़ जाता है. इसे पूर्व की स्थिति में आने में थोड़ा वक्त लगेगा. इसके कारण कुछ समय तक भूकंप के मामूली झटके महसूस हो सकता है. लेकिन यह उतना खतरनाक नहीं होगा.

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