ग्रामीण बैंकों को निजी क्षेत्र ले जाने साजिश
बिजनेस पेज के ध्यानार्थ ———————————- 12 मई के बैठक में आंदोलन की होगी घोषणा- ग्रामीण बैंक बिल में केंद्र सरकार ने किया संशोधनसंवाददाता, मुजफ्फरपुरकेंद्र सरकार ने ग्रामीण बैंक बिल में संशोधन कर इसे निजी क्षेत्र में ढकेल की कोशिश की है. विगत 22 दिसंबर 2014 को भारत सरकार ने ग्रामीण बैंक के पूंजी का विनेश्विकरण […]
बिजनेस पेज के ध्यानार्थ ———————————- 12 मई के बैठक में आंदोलन की होगी घोषणा- ग्रामीण बैंक बिल में केंद्र सरकार ने किया संशोधनसंवाददाता, मुजफ्फरपुरकेंद्र सरकार ने ग्रामीण बैंक बिल में संशोधन कर इसे निजी क्षेत्र में ढकेल की कोशिश की है. विगत 22 दिसंबर 2014 को भारत सरकार ने ग्रामीण बैंक के पूंजी का विनेश्विकरण करने के लिए लोकसभा में बिल पास करा लिया था. वहीं पिछले सप्ताह 28 अप्रैल राज्यसभा में ध्वनि मत से बिल पास हो गया, जिसका विरोध भी हुआ. पहले से ही ग्रामीण बैंकों में 50 प्रतिशत केंद्र सरकार, 35 प्रतिशत प्रायोजक बैंक तथा 15 प्रतिशत राज्य सरकार का शेयर था. लेकिन अब इस ग्रामीण बैंक के कानून में संशोधन के बाद भारत सरकार का शेयर 50 प्रतिशत से घटकर मात्र 16 प्रतिशत रह जायेगा. जबकि प्रायोजक व्यवसायिक बैंकों का 49 प्रतिशत विनिवेश हो चुका है. जिसके चलते 35 प्रतिशत शेयर का सरकारी अंश मात्र 17 प्रतिशत रह गया. अगर राज्य सरकार का 15 प्रतिशत शेयर उसके पास रह जाता है तो कुल 48 प्रतिशत सरकारी शेयर रह जायेगा. इससे ग्रामीण बैंकों के निजीकरण की साजिश स्पष्ट हो गई. इस क्रम यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियंस के संयोजक डीएन त्रिवेदी ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाकर ग्रामीण बैंकों के ग्राहकों, आम जनता व जन प्रतिनिधयों के दस लाख हस्ताक्षर युक्त आवेदन देश के महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को अगले महीने सौंपा जायेगा. इस क्रम अगले आंदोलन की घोषणा फोरम के 12 मई को मुंबई को प्रस्तावित बैठक में लिया जायेगा.