मां की ममता ने बचायी बेटे की जिंदगी
मुजफ्फरपुर: मदर्स डे यानी मां के प्रति प्यार, समर्पण व आस्था को प्रदर्शित करने का दिन. यह विशेष दिन लोगों को मां के अनमोल प्यार की याद दिलाता है. जिसकी मां जीवित होती है, वे मां की आंचल में अपनी संवेदना अर्पित करते हैं. जिनकी मां दुनिया में नहीं होती, उनकी सजल आंखें ममत्व की […]
मुजफ्फरपुर: मदर्स डे यानी मां के प्रति प्यार, समर्पण व आस्था को प्रदर्शित करने का दिन. यह विशेष दिन लोगों को मां के अनमोल प्यार की याद दिलाता है. जिसकी मां जीवित होती है, वे मां की आंचल में अपनी संवेदना अर्पित करते हैं. जिनकी मां दुनिया में नहीं होती, उनकी सजल आंखें ममत्व की याद दिलाती है.
मां के साथ बेटे बेटियों के जुड़ाव की कई कहानियां हमारी धरोहर है. मदर्स डे सिर्फ मां के प्रति प्यार को प्रदर्शित करने का दिन नहीं है. दुनिया में कई मां ऐसी हैं जो बेटे-बेटियों के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान करने में भी संकोच नहीं करती. शहर के दामुचक मुहल्ले में रहने वाली आभा मिश्र भी ऐसी मां हैं, जिन्होंने अपने जवान बेटे की जिंदगी बचाने के लिए अपनी एक किडनी दी.
जीवन व मौत से जूझ रहा था पुत्र रौनक
पशुपालन विभाग के कर्मी एलएन मिश्र कहते हैं कि बेटे रौनक की तबियत 2012 में खराब हुई थी. पहले उसे लोकल स्तर पर दिखाया. लेकिन जब कुछ पता नहीं चला तो उसे लेकर दिल्ली एम्स गये. डॉक्टरों ने जांच कर बताया कि इसकी किडनी खराब है. किडनी उपलब्ध होने पर इसकी जान बचेगी. यह सुनकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी. अपने लाडले बेटे को इस हाल में देख उनसे बरदाश्त नहीं हुआ. उन्होंने घर आकर पत्नी आभा मिश्र को बताया. आभा ने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए तुरंत अपनी किडनी देने की बात कही. यह सुनकर पहले तो वे चौंके, लेकिन पत्नी आभा ने एक न सुनी. इसके बाद वे पत्नी आभा को लेकर एम्स गये. जांच के बाद डॉक्टरों ने उनकी किडनी लगाने पर सहमति दे दी. डॉक्टर ने 27 सितंबर 2012 को सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट कर दिया.
मां के हौसले से परिवार में आयी खुशियां : रौनक की मां आभा मिश्र कहती हैं कि बेटे का जीवन उनके लिए अनमोल था. वह जिंदा रहे व बेटे को कुछ हो जाये, यह उन्हें मंजूर नहीं था. उन्होंने भगवान से प्रार्थना की. उन्हें पूरा विश्वास था कि उनकी किडनी से बेटे की जान बच जायेगी. भगवान ने उनकी सुन ली. आज मां व बेटा दोनों ठीक है. बेटा अभी बीसीए की पढ़ाई कर रहा है. पिता एलएन मिश्र भी कहते हैं कि पत्नी आभा ने परिवार की खुशियां बचा ली.