बीएचटी लेकर भटकते हैं मरीज
– वार्डेन अपनी जिम्मेवारी के निर्वहन में बरतते हैं लापरवाही संवाददाता, मुजफ्फरपुरएसकेएमसीएच में वार्डेन की लापरवाही से मरीजों को बीएचटी (बेड हेड टिकट) लेकर रजिस्ट्रेशन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. कई खिड़कियों से लौटने के बाद वह उचित काउंटर पर पहुंचते हैं, जहां उनका रजिस्ट्रेशन होता है. उसके बाद उन्हें वार्ड में भरती किया […]
– वार्डेन अपनी जिम्मेवारी के निर्वहन में बरतते हैं लापरवाही संवाददाता, मुजफ्फरपुरएसकेएमसीएच में वार्डेन की लापरवाही से मरीजों को बीएचटी (बेड हेड टिकट) लेकर रजिस्ट्रेशन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. कई खिड़कियों से लौटने के बाद वह उचित काउंटर पर पहुंचते हैं, जहां उनका रजिस्ट्रेशन होता है. उसके बाद उन्हें वार्ड में भरती किया जाता है. सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से आये मरीजों की इस परेशानी की खोज-खबर लेने वाला कोई नहीं है. हेल्थ मैनेजर बताते हैं कि मरीजों के बीएचटी का रजिस्ट्रेशन कराना वार्डेन और स्टाफ नर्स का काम है. यदि ऐसा नहीं होता है तो गलत है. कार्रवाई की जायेगी. औराई के बसंत गांव निवासी मो मोख्तार की पत्नी सुबैदा खातून ने बताया कि एक महीना पहले पेट दर्द की शिकायत पर उसका ऑपरेशन किया गया था. मगर दर्द ठीक नहीं हुआ. तब से अब तक चार बार आ चुकी हूं. आज भरती के लिए कहा गया है. यह कागज दे दिया गया है. लेकिन किस काउंटर पर रजिस्ट्रेशन होगा, इसे लेकर भटकना पड़ रहा है. वहीं डिस्पेंसरी काउंटर पर बीएचटी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भटक रही तरियानी की सुनैना देवी ने बताया कि जहां जाइत हती, उहवें से लौटा देइत है. कहंवा रजिस्ट्रेशन करइअइ. इसी तरह अधीक्षक आवास के सामने सुरक्षा गार्ड से सीतामढ़ी सुरसंड के अशोक कुमार बीएचटी लेकर रजिस्ट्रेशन के लिए पूछ रहा था. बताया जाता है कि इमरजेंसी में या ओपीडी में गंभीर बीमारी वाले मरीज को जब डॉक्टर भरती होने का परामर्श देते हैं, तो मरीज के बीएचटी पर लिख दिया जाता है. जब उस बीएचटी का रजिस्ट्रेशन हो जाता है, तब उस मरीज को वार्ड में भरती किया जाता है.