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शिवलोक गैस एजेंसी के चालक की हत्या
मुजफ्फरपुर: ब्रह्नापुरा पोखर स्थित शिवलोक गैस सर्विसेज के चालक अजय कुमार सिंह की शुक्रवार देर रात अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर दी. उसका शव गैस एजेंसी कार्यालय मेन गेट के ग्रिल में रस्सी से लटका मिला. शनिवार की सुबह इसकी जानकारी होने पर ब्रrापुरा में सनसनी फैल गयी. वहां आसपास के लोगों की भीड़ जुट […]
मुजफ्फरपुर: ब्रह्नापुरा पोखर स्थित शिवलोक गैस सर्विसेज के चालक अजय कुमार सिंह की शुक्रवार देर रात अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर दी. उसका शव गैस एजेंसी कार्यालय मेन गेट के ग्रिल में रस्सी से लटका मिला. शनिवार की सुबह इसकी जानकारी होने पर ब्रrापुरा में सनसनी फैल गयी. वहां आसपास के लोगों की भीड़ जुट गयी. एजेंसी के कर्मचारी सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने एजेंसी के मालिक अशोक रंजन उर्फ मुखिया जी व ब्रrापुरा पुलिस को इसकी सूचना दी. ब्रrापुरा पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए उसे एसकेएमसीएच भेज दिया. मृतक के पुत्र के बयान पर अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
बताया जाता है कि अजय सिंह मूल रूप से वैशाली जिला के भगवानपुर थाना क्षेत्र के बिठौली गांव का रहने वाला था. वह दस वर्षो से ब्रrापुरा मोहल्ले में किराये के मकान में रहता था. वर्तमान में वह बालेश्वर ठाकुर मार्ग में किराये के मकान में अपनी दूसरी पत्नी नीलम देवी के साथ रहता था. वह नौ वर्ष से शिवलोक गैस सर्विसेज में चालक के तौर पर काम करता था, लेकिन पिछले पंद्रह दिनों से वह एजेंसी नहीं जा रहा था. बताया जाता है कि अजय को शराब पीने की बुरी लत थी. शराब की वजह से वह अत्यधिक कर्ज में डूबा था. इससे उसकी अपनी पत्नी नीलम देवी उसके साथ लड़ाई झगड़ा करती थी. नीलम देवी कुछ दिनों से अपने मायके छितरी गयी हुई है. बताया जाता है कि किसी बकायेदार ने पैसों के लिए अजय की हत्या कर शव को गैस एजेंसी के ग्रिल से रस्सी के सहारे लटका दिया था.
पोस्टमार्टम में गरदन की हड्डी टूटी मिली
अजय कुमार सिंह के पुत्र मनीष कुमार ने पुलिस को दिये बयान में बताया कि उसके पिता की किसी अज्ञात व्यक्ति ने हत्या कर दी है. शव को एजेंसी के गेट पर लटका दिया गया है. पोस्टमार्टम में रिपोर्ट में चिकित्सकों ने बताया है कि अजय के गरदन की हड्डी टूटी है.
घटना के बाद थाना में न ही मुंशी में से कोई एक था. न ही कोई सिपाही. बताया यह भी जा रहा है कि होम गार्ड हड़ताल की वजह से थाना में सिपाहियों की कमी हो गयी है. लेकिन, सवाल यह उठता है कि होम गार्ड हड़ताल पर है तो थाना के और पदाधिकारी व सिपाही कहां थे. हालांकि, ओडी पदाधिकारी थानाध्यक्ष अभिषेक रंजन को मोबाइल से जानकारी देने की लगातार कोशिश कर रहे थे. लेकिन, सरकारी नंबर पर कॉल ड्राप हो रहा था. अंत में ओडी पदाधिकारी ने थाना के दारोगा मनोज कुमार देव व जमादार सुजीत कुमार सिंह को थाना बुलाया और बाकी का प्रक्रिया किया.
पंचनामा पर हस्ताक्षर करने से पुत्र का इनकार
बताया जाता है कि अजय की दो शादी हुई थी. पहली पत्नी विभा देवी की मौत 22 वर्ष पहले हो गयी थी. उससे एक पुत्र मनीष उर्फ हीरो व एक पुत्री है. वहीं, दूसरी पत्नी नीलम से एक पुत्री है. पुलिस ने मौके पर शव का पंचनाम बनाया. जब मनीष को उस पर गवाह के तौर पर हस्ताक्षर करने को कहा तो उसने इनकार कर दिया. कहा कि उसे नहीं मालूम कि यह कैसे हुआ और किसने किया और क्यूं किया. उसके पिता आर्थिक तंगी में थे. इससे वह अत्यधिक कर्ज में थे. इस बात की जानकारी मनीष को थी. बाद में एजेंसी के कर्मचारी व मालिक के गवाह के तौर पर हस्ताक्षर करने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए निजी वाहन से भेज दिया.
पौने तीन घंटे बाद पहुंची पुलिस
घटना स्थल ब्रrापुरा थाना से महज पचास से सौ मीटर की दूरी पर है. सुबह पांच बजे के करीब एजेंसी के कर्मचारी ने घटना की बाबत सूचना दी. लेकिन, ब्रrापुरा पुलिस करीब पौने तीन घंटा विलंब से घटनास्थल पर पहुंची. इसके बाद शव को गेट से उतारा जा सका. बता दें कि जमादार रवींद्र मोहन सिंह की रात्रि गश्ती थी व ओडी में दारोगा एसडी राम थाना में तैनात थे. लेकिन, दोनों में से कोई भी पदाधिकारी सूचना के तुरंत बाद घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके.
पत्नी को मिल रही थी अजय की सैलरी
एजेंसी के मालिक ने बताया कि अजय की सैलरी पिछले चार साल से उसकी पत्नी पूनम को दी जा रही है. अजय को पैसे देने पर शराब पी जाता था. पत्नी के मांगने पर उसके साथ गाली-गलौज व लड़ाई-झगड़ा करता था. उसकी पत्नी के आग्रह पर एजेंसी के मालिक उसे अजय की सैलरी दिया करते थे.
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