एसकेएमसीएच की व्यवस्था पर भड़की कमेटी
मुजफ्फरपुर: स्वास्थ्य विभाग द्वारा एइएस की रोकथाम के लिए बनायी गयी कोर कमेटी की सात सदस्यीय टीम ने रविवार को एसकेएमसीएच का निरीक्षण किया. इस दौरान पीआइसीयू वार्ड में रखे चार-चार वेंटीलेटर का उपयोग नहीं होने पर नाराजगी जतायी गयी. टीम में शामिल एनएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ एके जायसवाल ने कहा कि पीआइसीयू […]
मुजफ्फरपुर: स्वास्थ्य विभाग द्वारा एइएस की रोकथाम के लिए बनायी गयी कोर कमेटी की सात सदस्यीय टीम ने रविवार को एसकेएमसीएच का निरीक्षण किया. इस दौरान पीआइसीयू वार्ड में रखे चार-चार वेंटीलेटर का उपयोग नहीं होने पर नाराजगी जतायी गयी. टीम में शामिल एनएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ एके जायसवाल ने कहा कि पीआइसीयू में चार-चार वेंटीलेटर रखा हुआ है, लेकिन कोई उपयोग नहीं होता है. उन्होंने कहा कि एइएस से बचाव की तैयारी की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जायेगी.
कोर कमेटी में एनएमसीएच के डॉ जायसवाल के अलावा पटना एम्स के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ नीरज कुमार व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पांडेय, पीएमसीएच की शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ नीलम वर्मा व प्राध्यापक डॉ निगम प्रकाश नारायण, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक कुमार और डॉ अखिलेश कुमार शामिल थे.
कमेटी ने पीआइसीयू वन में भरती एइएस के एकमात्र मरीज को देखा. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार व डॉ जीएस सहनी से चलायी जा रही दवाइयों के बारे में जानकारी ली. उसके बाद पीआइसीयू टू व थ्री की व्यवस्था को भी देखा. मरीजों के ट्रीटमेंट एवं पूर्ण विवरणयुक्त एइएस रजिस्टर को देख जहां प्रसन्नता व्यक्त किया, वहीं अस्पताल की गंदगी व पैकेटविहीन डस्टविन को देख कर भी नाराजगी जतायी. एसकेएमसीएच के बाद कोर कमेटी केजरीवाल और सदर अस्पताल चली गयी. बताया जाता है कि एइएस की रोकथाम के लिए पटना के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के विषय विशेषज्ञों, स्वास्थ्य सचिव, आरएमआरआइ, एनसीडीसी के विशेषज्ञों की 21 सदस्यीय कोर कमेटी बनायी गयी है.