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थम नहीं रहा कांग्रेस का विवाद

मुजफ्फरपुर: जिले में आपसी विवाद को लेकर कई दशक से चर्चा में रहने वाली कांग्रेस पार्टी का विवाद थम नहीं रहा है. जिलाध्यक्ष का चुनाव हो या फिर लोक सभा या विधान सभा चुनाव, कांग्रेस में विवाद स्पष्ट रूप से दिखता रहा है. प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2013 9:40 AM

मुजफ्फरपुर: जिले में आपसी विवाद को लेकर कई दशक से चर्चा में रहने वाली कांग्रेस पार्टी का विवाद थम नहीं रहा है. जिलाध्यक्ष का चुनाव हो या फिर लोक सभा या विधान सभा चुनाव, कांग्रेस में विवाद स्पष्ट रूप से दिखता रहा है.

अभी लोक सभा चुनाव सामने है. पार्टी की विकास योजनाओं को गांव तक ले जाने के लिये केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर नेता से लेकर कार्यकर्ताओं ने कवायद शुरू कर दी है, लेकिन इस मुद्दों पर बंटे हुए हैं. गुरुवार को योजनाओं को लोगों के बीच बताने की बात को लेकर एक तरह से पार्टी दो गुटों में बटी दिखी और अलग-अलग समानांतर बैठकें भी हुई.

पहली बैठक जिला कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में तिलक मैदान स्थित कार्यालय में हुई. वहीं दूसरी कांग्रेस नेता विद्यानंद सिंह के आवास पर बुलायी गयी. दोनों बैठकों में मुद्दे लगभग एक ही थे. लेकिन दोनों बैठक में जिला उपाध्यक्ष, डेलीगेट स्दस्य, प्रखंड अध्यक्ष व अन्य वरीय नेता शामिल थे. इस समानांतर बैठक में स्पष्ट रूप से कांग्रेस दो भागों में बटा दिखा.

विवादों से पुराना है नाता : वैसे तो पूर्व से ही कांग्रेस तीन धाराओं में बंटी थी. एक तरफ पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ललितेश्वर प्रसाद शाही तो दूसरी तरफ पूर्व मंत्री स्व रघुनाथ पांडेय के समर्थक थे. तब भी विवाद स्पष्ट झलक रहे थे. हालांकि स्व पांडेय की जिला कांग्रेस पर अच्छी पकड़ थी. वे मुजफ्फरपुर विधानसभा का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके थे. जॉर्ज फर्नाडीस के विरुद्ध चुनाव भी लड़े थे. तब वह चुनाव हार गये, लेकिन बाद में कोर्ट ने उन्हें विजयी घोषित कर दिया. जिलाध्यक्ष पद पर रहने के बाद भी उनकी पकड़ अच्छी थी. हालांकि, अंदरूनी कलह तब भी कम नहीं थी. स्व पांडेय ने अपनी पुत्र वधु विनीता विजय को जिलाध्यक्ष बनाने में भी सफलता पायी. फिर भी विवाद जारी रहा.

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