हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार

मोतिहारी/मुजफ्फरपुर. पूर्वी चंपारण के पांच थानों का आतंक हार्डकोर नक्सली शिवपूजन राय पकड़ा गया है. वह दरपा के पीपरा गांव का रहने वाला है़ उसकी गिरफ्तारी घोड़ासहन के महादेवा गांव से हुई है़ वह अपने आधा दर्जन साथियों के साथ महादेवा गांव के ग्राम सेवक चतुरी साह को अगवा करने पहुंचा था़ इसकी भनक ग्रामीणों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 7:49 AM
मोतिहारी/मुजफ्फरपुर. पूर्वी चंपारण के पांच थानों का आतंक हार्डकोर नक्सली शिवपूजन राय पकड़ा गया है. वह दरपा के पीपरा गांव का रहने वाला है़ उसकी गिरफ्तारी घोड़ासहन के महादेवा गांव से हुई है़ वह अपने आधा दर्जन साथियों के साथ महादेवा गांव के ग्राम सेवक चतुरी साह को अगवा करने पहुंचा था़ इसकी भनक ग्रामीणों को लग गयी. ग्रामीणों ने घेराबंदी कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से शिवपूजन को पकड़ लिया.

हालांकि उसके साथी अंधेरा का लाभ उठा कर फरार होने में सफल हो गये. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. उसने ग्राम सेवक चतुरी साह से लेवी की मांग की थी़ लेवी नहीं मिलने पर जान से मारने व अगवा करने की धमकी दी थी़ ग्राम सेवक ने ग्रामीणों को घटना से अवगत कराते हुए लेवी देने के बहाने उसे बुलाया, ग्रामीणों के बिछाये जाल में वह फंस गया़ ग्रामीणों ने उसकी जमकर धुनाई भी की है़ उसके खिलाफ हत्या, लूट, लेवी मांगने सहित करीब एक दर्जन से अधिक संगीन मामले विभिन्न थानों में दर्ज है़.

छौड़ादानो डकैती कांड में थी तलाश
बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह के छौड़ादानो स्थित फार्म हाउस डकैती कांड में शिवपूजन शामिल रहा था़ घटना की साजिश रचने के साथ अंजाम देने तक शिवपूजन अपने गिरोह को लीड किया था़ इस बात का खुलासा होने के बाद पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी.
पांच थानों में था आतंक. शिवपूजन गिरोह का आतंक दरपा, छौड़ादानो, घोड़ासहन, झरोखर व जीतना थाना क्षेत्र के इलाके में था़. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी.आठ मई की रात लखौरा के मजीरवा गांव में उसने कई नक्सली सदस्यों के साथ बैठक की थी. सूचना मिलने पर पुलिस ने छापेमारी की थी, लेकिन वह फरार हो गया था. पुलिस ने उसके खास सहयोगी मटर सहनी व चंदेश्वर सहनी को पकड़ा था.
प्रेशर कुकर बम लगाने में शामिल था रामजीवन
रमेश पासवान उर्फ सिद्धार्थ का शागिर्द रामजीवन बंगरा घाट के पास पुल के नीचे प्रेशर कुकर बम लगाने की घटना में शामिल था. उसने स्वीकार किया कि रमेश पासवान, अनिल राम, राकेश पासवान, प्रमोद पासवान सहित दस लोगों ने मिल कर बम लगाया था. पुलिस पार्टी या अधिकारी उड़ाने की साजिश रची गयी थी. लेकिन उसके पहले ही बम का खुलासा हो गया. पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाली जानकारियां दी है, जिसके आधार पर पुलिस रमेश व अनिल राम की तलाश में जुटी है. पुलिस का कहना है कि डुमरी परमानंदपुर गांव का रहने वाला रामजीवन इंजीनियरिंग का छात्र था. सेकेंड सेमेस्टर में फेल हो जाने पर वह पढ़ाई छोड़ कर गांव आ गया था. रमेश के संपर्क में आने पर वह नक्सली संगठन से जुड़ गया था. वही भटौलिया का राकेश व आरोपुर का प्रमोद भी संगठन में सक्रिय रहा है. जगह-जगह नक्सली पोस्टर चिपकाने से लेकर लेवी वसूलने में शामिल रहा है. देर शाम तीनों को साहेबगंज पुलिस ने जेल भेज दिया है. यहां बता दें कि नक्सलियों को हथियार सप्लाइ करने वाले दशई राम की गिरफ्तारी के बाद तीनों को पकड़ा गया था.

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