मुजफ्फरपुर: दो दिनों दौरान पारा चढ़ते ही बच्चों पर एइएस का कहर टूटने लगा है. दो-तीन मरीजों के भरती होने व बच्चों की मौत पर डॉक्टर इसे एइएस का आउटब्रेक मान रहे हैं. बुधवार को केजरीवाल अस्पताल में एइएस से पीड़ित तीन बच्चों की भरती किया गया. मीनापुर घोसौत निवासी नीरज सहनी की साढ़े तीन वर्षीया पुत्री चंद्रकला, मेहसी के उझामपुर निवासी पंकज सहनी के साढ़े आठ वर्षीय पुत्र गोलू व मोतीपुर कथैया के मो मुतरुजा के 10 वर्षीय पुत्र आमिर मंगलवार की रात से तेज बुखार व चमकी से पीड़ित थे. केजरीवाल के एइएस वार्ड में बुधवार को तीनों बच्चों को भरती किया गया.
लक्षण के आधार पर डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं. एसकेएमसीएच के पीयूसीआई वार्ड में बुधवार को अहियापुर निवासी रामनाथ सहनी के दो वर्षीय पुत्र कुश कुमार को भरती किया गया. बुधवार की देर रात एइएस के लक्षण वाले तीन मरीज एसकेएमसीएच में भरती किये गये. वहीं देर रात नानपुर (सीतामढ़ी) निवासी रुदल महतो का ढ़ाई वर्षीय पुत्र सत्यम, पियर थाना क्षेत्र निवासी गणोश राम का आठ वर्षीय पुत्र छोटू कुमार व साहेबगंज निवासी गणोश पासवान का सात वर्षीय पुत्र विक्रांता कुमार को भर्ती कराया गया. इस वर्ष अबतक एइएस से छह बच्चों की मौत हो चुकी है. पारा चढ़ने के साथ ही मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है.
एक बच्चे की हुई छुट्टी. एसकेएमसीएच के पीयूसीआइ वार्ड में भरती महंथ मनियारी निवासी अनिल राम के पांच वर्षीय पुत्र रवि कुमार के स्वस्थ होने पर उसेअस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. रवि के पिता अनिल ने कहा कि उसने बेटे को मंगलवार को यहां भरती कराया था. वह तेज बुखार से पीड़ित था. हालांकि इलाज के बाद उसकी स्थिति ठीक हो गयी. बुधवार को डॉक्टरों ने चेक कर उसे छुट्टी दे दी.
एमआरआइ के लिए एंबुलेंस नहीं
इस बार केजरीवाल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के कारण विभाग की ओर से व्यवस्था नहीं हुई है. यदि किसी बच्चे को एमआरआइ कराने की जरूरत पड़ी तो उसे बाहर ले जाने का साधन नहीं है. केजरीवाल अस्पताल के प्रशासक बीबी गिरि ने कहा कि अभी एंबुलेंस नहीं मिला है. इस बारे में वे गुरुवार को सीएस से बात करेंगे.
अटलांटा की टीम ने लिया बच्चों का ब्लड सैंपल
अटलांटा के सीडीसी की टीम ने केजरीवाल व एसकेएमसीएच पहुंच कर एइएस से पीड़ित बच्चों का ब्लड सैंपल लिया. बच्चों का ब्लड जांच के लिए दिल्ली स्थिति एसएनसीडीसी केंद्र भेजा जायेगा. डॉ पद्मिनी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने दोनों अस्पतालों में जाकर बच्चों के इलाज का भी जायजा लिया. टीम ने बच्चों को लक्षण के अनुसार दी जाने वाली दवाएं भी देखीं.