अब रात के बदले दिन में बीमार हो रहे बच्चे

मुजफ्फरपुर: एइएस की बीमारी ने इस बार अपने लक्षण बदल लिये हैं. नतीजा रिसर्च के लिए पहले से की गयी सारी परिकल्पनाएं फेल हो गयी हैं. इस बार बच्चों को बीमारी का अटैक अहले सुबह नहीं, सूर्योदय के बाद हो रहा है. बीमारी पर रिसर्च कर रहे विशेषज्ञों के साथ डॉक्टर भी बदले लक्षण से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 8:11 AM
मुजफ्फरपुर: एइएस की बीमारी ने इस बार अपने लक्षण बदल लिये हैं. नतीजा रिसर्च के लिए पहले से की गयी सारी परिकल्पनाएं फेल हो गयी हैं. इस बार बच्चों को बीमारी का अटैक अहले सुबह नहीं, सूर्योदय के बाद हो रहा है. बीमारी पर रिसर्च कर रहे विशेषज्ञों के साथ डॉक्टर भी बदले लक्षण से हैरान हैं. पहले यह माना जा रहा था कि रात में खाली पेट सोने से कुपोषित बच्चों में चीनी का लेबल कम हो जाता है. इस कारण यह बीमारी अटैक करती है.

लेकिन इस बार आने वाले मरीजों में कई मरीज ऐसे हैं, जो सूर्योदय के बाद अचानक बीमारी की चपेट में आये. कुछ बच्चों ने तो सुबह नाश्ता भी कर लिया था. बावजूद बीमारी के शिकार हुए. हैरान करने वाली बात यह भी है कि पहले यह माना जा रहा था कि एइएस है तो ब्लड शूगर कम होगा, ग्लूकोज चढ़ाना अनिवार्य है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. कई बच्चों में हाइपर ग्लेसेमिया यानी शूगर में चीनी की मात्र काफी बढ़ी हुई मिल रही है. कुछ बच्चों के शरीर में सोडियम (नमक) की मात्र भी कम पायी जा रही है. एइएस के संदिग्ध मरीजों का इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर उसकी जांच कराते हैं. ब्लड शूगर, सोडियम, पोटाशियम की जांच के बाद ही उसका इलाज शुरू किया जाता है.

परिजनों ने कहा, सुबह में ठीक था
एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में भरती बच्चों के परिजनों ने कहा कि रात में खाना खाकर उनका बच्च सोया था. सुबह भी ठीक था. अचानक उसका बदन तेज बुखार से तपने लगा. फिर चमकी होने लगी. केजरीवाल अस्पताल में भरती रोहित कुमार के दादा वसंत लाल सहनी कहते हैं कि मंगलवार की रात रोहित ने खाना खाया था. सुबह छह बजे उठा तब भी ठीक था. फिर खेलते-खेलते अचानक उसका बदन-हाथ कांपने लगा. फिर बेहोश हो गया.

तब हमलोग उसे लेकर यहां आगे. आमिर के पिता मो मुर्तजा ने कहा कि सुबह उठकर आमिर खेलने के लिए चला गया था. करीब नौ बजे धूप में घर आया. फिर स्नान किया. उसके बाद से ही उसका हाथ-पैर कांपने लगा. कुछ ही देर में तेज बुखार हो गया. फिर चमकी होने लगी. एसकेएमसीएच में भरती आयुष के पिता विजय पासवान ने भी कहा कि उनका बेटा आयुष गुरुवार की सुबह ठीक था. दोपहर में उसे तेज बुखार के साथ चमकी होने लगी.

इस बार बीमारी के लक्षण बदले हुए हैं. यह चिंता की बात है. विशेषज्ञों को भी नहीं समझ में आ रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है. पहले अहले सुबह बच्चे एइएस से पीड़ित होते थे. लेकिन अब यह धारणा खत्म हो गयी है. कई बच्चे ऐसे आ रहे हैं जो सूर्योदय के बाद अचानक इस बीमारी की चपेट में आये हैं.
डॉ गोपाल शंकर सहनी, शिशु रोग विशेषज्ञ, एसकेएमसीएच

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