वकील के लैपटॉप से हुआ था साइबर फ्रॉड

मुजफ्फरपुर: एसबीआइ एडीबी शाखा में 10 मई 2011 को 12.50 करोड़ के फ्रॉड को अंजाम देने में शहर के एक अधिवक्ता का लैपटॉप इस्तेमाल किया गया था. चंदवारा निवासी अधिवक्ता मजहर हसन ने सीबीआइ के समक्ष दिये बयान में बताया कि जब मीडिया में बात सामने आई तो वह काफी डर गया. इसके बाद उसने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2013 10:02 AM

मुजफ्फरपुर: एसबीआइ एडीबी शाखा में 10 मई 2011 को 12.50 करोड़ के फ्रॉड को अंजाम देने में शहर के एक अधिवक्ता का लैपटॉप इस्तेमाल किया गया था. चंदवारा निवासी अधिवक्ता मजहर हसन ने सीबीआइ के समक्ष दिये बयान में बताया कि जब मीडिया में बात सामने आई तो वह काफी डर गया. इसके बाद उसने 26 जुलाई को अपने फार्म हाउस पर लैपटॉप को डिस्ट्रॉय किया. फिर उसे जला कर बूढ़ी गंडक में बहा दिया. अभी वह इस केस में सरकारी गवाह बन चुका है.

इधर, सूत्रों के मुताबिक 25 नवंबर को इसी शाखा से हुए 29.25 करोड़ के साइबर फ्रॉड में एक निजी बीमा कंपनी के एजेंट लाल बाबू के लैपटॉप का इस्तेमाल किया गया था. वह भी सरकारी गवाह बन चुका है. हाल ही में सीबीआइ ने उसे पटना बुला कर पूछताछ की थी.

मजहर ने बताया- क्या हुआ था दस मई को
सीबीआइ को दिये गए बयान में मजहर ने बताया कि बचपन के दोस्त मोनिस परवेज ‘मिंटू’ ने मई में लैपटॉप के बारे में मुझसे पूछा. दूसरे सप्ताह में मिंटू ने कहा कि उसे एनजीओ का एक काम करना है और कुछ करोड़ रुपये विदेश से मंगाने है. उसका लैपटॉप खराब है. मजहर ने अपना लैपटॉप दे दिया.

दस मई 2011 को मिंटू ने मजहर को गोबरसही चौक पर लैपटॉप वापस करने को बुलाया. वह करीब दस बजे पहुंचा तो मिंटू ने उसे एडीबी शाखा के नीचे के एक सैलून में बुलाया. जहां विकास कुमार ‘राजा’ व नितिन राज वर्मा, 4-5 चार पहिया ाहन व कुछ लोग मौजूद थे. वह राजा को 2010 से जानता था, जबकि नीतीन से उसकी दो तीन मुलाकात मिंटू के घर पर हुई थी.

मजहर ने देखा की सैलून में नितिन उसके लैपटॉप से कुछ काम कर रहा था. इस पर उसने मिंटू से कहा कि तुमने मेरा लैपटॉप नितिन को क्यों दिया, कुछ गलत काम तो नहीं हो रहा है. तब मजहर को शांत रहने को कहा गया.

आधे घंटे के बाद नीतीन ने मिंटू से कहा कि काम हो गया. इसके बाद नितिन मजहर के लैपटॉप के साथ एक और लैपटॉप को बंद किया और तुरंत वहां से चला गया. इसके बाद मिंटू ने एक लैपटॉप दूसरे व्यक्ति को दिया जिसे वह नहीं जानता था. मजहर ने मिंटू से पूछा कि कुछ गलत तो नहीं हुआ तो मिंटू ने कहा तुम फिक्र मत करो. इसके बाद मैं निकल गया.

शाम को मिंटू ने मजहर को अपने घर बुलाया और उसका लैपटॉप दे दिया. फिर मैंने पूछा क्या हुआ था सैलून में, तो मिंटू ने शांत रहने को कहा. दो दिन के बाद मजहर को मीडिया से पता चला कि एक बड़ी राशि का फ्रॉड हुआ है. मिंटू को बताया तो उसने फिर चिंता नहीं करने की सलाह दी. चुप नहीं रहे और किसी को कुछ बताया तो दिक्कत में पड़ जाओगे. इसके बाद देखा कि करोड़ों के फ्रॉड के बाद मिंटू की लाइफ स्टाइल में कोई चेंज नहीं आया है तो मुङो थोड़ी राहत मिली. जब 26 जुलाई को मिंटू के घर सीबीआइ की टीम पहुंची और मजहर के बारे में पूछताछ की तो मैं परेशान हो गया. इसके बाद फार्म हाउस पर जाकर लैपटॉप को डिस्ट्रॉय किया.

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