55 डॉक्टरों के सहारे रही मरीजों की जिंदगी

मुजफ्फरपुर: अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर शहर के करीब 300 प्राइवेट डॉक्टरों की पहले दिन की हड़ताल सफल रही. शनिवार को शहर के करीब 200 से अधिक क्लीनिक व नर्सिग होम बंद रहे. जूरन छपरा स्थित चिकित्सा मंडी में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा. हड़ताल के कारण पैथोलॉजी सेंटर, सोनोग्राफी सेंटर व एक्सरे जांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2013 8:33 AM

मुजफ्फरपुर: अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर शहर के करीब 300 प्राइवेट डॉक्टरों की पहले दिन की हड़ताल सफल रही. शनिवार को शहर के करीब 200 से अधिक क्लीनिक व नर्सिग होम बंद रहे. जूरन छपरा स्थित चिकित्सा मंडी में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा. हड़ताल के कारण पैथोलॉजी सेंटर, सोनोग्राफी सेंटर व एक्सरे जांच घर भी बंद रहे. जूरन छपरा स्थित केजरीवाल मातृसदन, प्रशांत अस्पताल, संजीवन हॉस्पिटल सहित कई नर्सिग होम में किसी भी मरीज को भरती नहीं किया गया. हालांकि, डॉक्टरों ने नर्सिग होम पहुंच कर पहले से भरती मरीजों का जायजा लिया. नये मरीजों का इलाज नहीं किया गया.

चारों ओर दिखा हड़ताल का असर: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से घोषित हड़ताल का असर शहर के अन्य स्थानों पर भी पड़ा. जूरन छपरा के अलावा अन्य जगहों पर पर भी चल रहे क्लीनिक व नर्सिग होम बंद रहे. यहां भी डॉक्टरों ने नये मरीजों का इलाज नहीं किया. हालांकि, सदर अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में इलाज की व्यवस्था पहले से बेहतर दिखी गयी. यहां आने वाले मरीजों का इलाज हुआ. साथ ही सीरियस मरीज भरती किये गये.

एक सौ से अधिक सीरियस मरीज लौटे : हड़ताल के कारण जूरन छपरा के कई नर्सिग होम से एक सौ से अधिक सीरियस मरीजों को वापस लौटना पड़ा. अधिकांश मरीजों में प्रसव के लिए महिलाएं व बीमार बच्चे अधिक थे. हड़ताल के बावजूद केजरीवाल मातृसदन ने मानवता के आधार पर सीरियस मरीजों को एंबुलेंस से नि:शुल्क एसकेएमसीएच पहुंचाने की व्यवस्था की थी. सुबह से शाम तक एक दर्जन मरीजों को मेडिकल कॉलेज भेजा गया. हालांकि, दूसरे नर्सिग होम की तरफ से ऐसी सुविधा मुहैया नहीं करायी गयी थी.

मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार : हड़ताल के बीच बीमार व्यक्ति को लोग निजी सवारी से सदर अस्पताल व मेडिकल कॉलेज ले गये. कई नर्सिग होम में आये मरीजों की अनदेखी भी की गई. नर्सिग होम में मौजूद कर्मचारियों ने मरीजों के परिजनों के साथ मानवीय व्यवहार नहीं किया. मरीजों को चिकित्सा के लिए उचित जगह की जानकारी नहीं दी.

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