प्राकृतिक जीवन जीयें, बनावटी नहीं

वरीय संवाददता, मुजफ्फरपुरराष्ट्रीय विकल्प संगठन की ओर से मिठनपुरा स्थित कार्यालय परिसर में सोमवार को संगोष्ठी हुई. संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर शरण ने कहा, सभी मानव को बनावटी जिंदगी के बदले प्राकृतिक जीवन जीने में भरोसा करना चाहिए. कहा, हम विज्ञापनों को देख अपनी जिंदगी तय करते हैं. अपनी भाषा, वेश भूषा, भोजन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2015 12:04 AM

वरीय संवाददता, मुजफ्फरपुरराष्ट्रीय विकल्प संगठन की ओर से मिठनपुरा स्थित कार्यालय परिसर में सोमवार को संगोष्ठी हुई. संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर शरण ने कहा, सभी मानव को बनावटी जिंदगी के बदले प्राकृतिक जीवन जीने में भरोसा करना चाहिए. कहा, हम विज्ञापनों को देख अपनी जिंदगी तय करते हैं. अपनी भाषा, वेश भूषा, भोजन व भजन के मामलों में नकलची बनते जा रहे हैं. कथित मॉडर्न सभ्यता की परिभाषा पर जीने की कोशिश करते हैं. दावा होता है ऐसा नहीं करने पर हम पिछड़ जायेंगे. मकान ऐसे बनते हैं जिसमें खिड़कियां नहीं होती है. झरोखे नहीं होते. ऐसा लग रहा है जैसे लोग डिब्बा बंद जिंदगी जीने लगे हैं. किसी चीज का अंधाधुंध नकल के बजाय विवेक पर भरोसा करिए. जीवन का समाधान तलाश करिए. जीवन को समस्या नहीं बनाइए. इस मौके पर दीपेश सिंह चौहान, हर्ष कुमार सक्सेना, शमशेर सिंह, काजल शरण, आराधना श्रीवास्तव, आशा पांडेय, प्रभावती देवी, दिनेश कुमार प्रसाद, संतोष कुमार चौधरी, रवींद्र वर्मा, राणा प्रताप सिंह, प्रकाश सिंह पवन ने विचार रखे.

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