गीता में वर्णित राजयोग आज की जरूरत

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी की बिहार सेवा केंद्रों की संचालिका रानी दीदी ने दिया संदेशवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरविश्व योग दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के बिहार सेवा केंद्रों की मुख्य संचालिका राजयोगिनी रानी दीदी ने कहा है कि भारत शुरू से ही पूरे विश्व को योग व अध्यात्म की शिक्षा देता रहा है. संसार में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2015 12:04 AM

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी की बिहार सेवा केंद्रों की संचालिका रानी दीदी ने दिया संदेशवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरविश्व योग दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के बिहार सेवा केंद्रों की मुख्य संचालिका राजयोगिनी रानी दीदी ने कहा है कि भारत शुरू से ही पूरे विश्व को योग व अध्यात्म की शिक्षा देता रहा है. संसार में अनेक प्रकार के योग व शारीरिक प्राणायाम की मुद्रायें प्रचलित हैं, जो हमारे शरीर को स्वस्थ व निरोग रखने में सहायक हैं. भौतिक साधनों में खुशी व शांति की खोज करना परछाई पकड़ने जैसा है. वर्तमान समय में गीता वर्णित राजयोग के अभ्यास की जरूरत है, जिससे मन स्वस्थ व निरोगी बन सके. योग का वास्तविक अर्थ है दो अलग-अलग अस्तित्व वाली संस्था का मिलन. आज ऐसे योग की जरूरत है जो भौतिक शरीर को संचालित करने का चैतन्य सत्ता आत्मा को स्वस्थ व पवित्र बनाते हुए परमात्मा से मिलन करा कर सुख, शांति व खुशी की अनुभूति करा सके.

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