किसान-मजदूरों पर हमले के विरोध में प्रतिवाद मार्च
फोटो : दीपक 8 नंबर हैसंवाददाता, मुजफ्फरपुरमोदी राज में लोकतंत्र, किसान-मजदूरों व अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले के खिलाफ शहर में शुक्रवार को अखिल भारतीय जन मंच (एआइपीएफ) ने प्रतिवाद मार्च निकाला. इस दौरान लोकतंत्र पर बढ़तेे हमले पर रोक लगाने, भूमि अधिग्रहण बिल वापस लेने, देश को कॉरपोरेट के हवाले करने पर रोक लगाने, अल्पसंख्यकों […]
फोटो : दीपक 8 नंबर हैसंवाददाता, मुजफ्फरपुरमोदी राज में लोकतंत्र, किसान-मजदूरों व अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले के खिलाफ शहर में शुक्रवार को अखिल भारतीय जन मंच (एआइपीएफ) ने प्रतिवाद मार्च निकाला. इस दौरान लोकतंत्र पर बढ़तेे हमले पर रोक लगाने, भूमि अधिग्रहण बिल वापस लेने, देश को कॉरपोरेट के हवाले करने पर रोक लगाने, अल्पसंख्यकों पर हमला बंद करने, मजदूर अधिकारों की कटौती बंद करने, सांप्रदायिक तनाव फैलाना बंद करने, बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने तथा कल्याणकारी योजनाओं में कटौती वापस लेने की मांग पर जोर दिया गया. हरिसभा चौक स्थित माले कार्यालय से मार्च निकला जो शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए शहीद स्थल पर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया. सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज किसान व मजदूर संकट के दौर से गुजर रहे हैं. किसानों की जमीन जबरन छीनने को बार-बार भूमि अध्यादेश बार-बार लाया जा रहा है. किसान आत्महत्या करने को बाध्य हैं. मोदी सरकार महंगाई पर रोक लगाने के प्रति गंभीर नहीं है. गरीबों की कल्याणकारी योजनाओं में भारी कटौती की जा रही है. नीतीश सरकार भी मोदी सरकार के रास्ते पर चल रही है. मुख्य वक्ताओं में इंसाफ मंच के सूरज कुमार सिंह, खेमस के शत्रुध्न सहनी, रामनंदन पासवान, शिवनाथ पासवान, जितेंद्र यादव, परशुराम ठाकुर, एक्टू के मनोज यादव, निर्माण मजदूर यूनियन के अमोद पासवान, भाकपा माले के कृष्ण मोहन, सकल ठाकुर, रामबली मेहता, महेश महतो आदि शामिल थे.