-अधिग्रहण से पहले सामाजिक प्रभाव का आकलन किया जाएगा
मुजफ्फरपुर.
अनुमंडलीय पश्चिमी व्यवहार निर्माण को लेकर अर्जित की जाने वाली भूमि के लिए सामाजिक प्रभाव का आकलन किया जाएगा. डीएम ने इसकी स्वीकृति दे दी है. उन्होंने कई बिंदुओं पर निर्देश भी दिया है और इसे ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार कर सौंपने को कहा है. उन्होंने कहा कि आकलन का मुख्य उद्देश्य, परामर्श, सर्वेक्षण, प्रभावित होने वाले परिवार और पुनर्वास होने वाले परिवारों की सूची तैयार करने को कहा है. ताकि उन सभी को नियमानुसार लाभ दिया जा सके. विदित हो कि रतनपुरा में 5.89 एकड़ जमीन इसके लिए चिन्हित की गई है. अधिग्रहण से पहले सामाजिक प्रभाव का आकलन किया जाना अनिवार्य है. इसके लिए पटना की एक संस्थान को अधिकृत किया गया है. परियोजना का लाभ और हानि को ध्यान में रखकर समेकित रिपोर्ट तैयार की जाएगी. सामाजिक प्रभाव का आकलन करने के लिए तीन माह का समय निर्धारित किया गया है.उक्त संस्थान के द्वारा जिला भू-अर्जन कार्यालय को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इसके बाद अधिग्रहण करते हुए रैयतों को मुआवजा भुगतान किया जाएगा. बता दें कि कि पश्चिमी क्षेत्र में अनुमंडल व्यवहार न्यायालय का निर्माण होने से सिविल कोर्ट से मुकदमा का लोड कम होगा. पश्चिमी क्षेत्र के मामले अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में दायर होंगे और वहीं पर इसकी सुनवाई होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है