वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर गाड़ी संख्या-15228 मुजफ्फरपुर-यशवंतपुर (बैंगलुरू) एक्सप्रेस में मानव तस्करी रैकेट पूरी तरह से सक्रिय है. बीते दिनों चार दिसंबर को मुजफ्फरपुर-बैंगलुरू एक्सप्रेस से आरपीएफ के साथ अलग-अलग टीम ने मिल कर 6 बच्चों को मुक्त कराया है. गोपनीय सूचना के आधार पर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्टेशन पर टीम ने छापेमारी की. जिसमें 5 मानव तस्करों को हिरासत में लेते हुये छह बच्चों को बचाया गया. मुक्त कराये गये बच्चे बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. जिन्हें मानव तस्कर बाल श्रम के कराने पूरी योजना के तहत चेन्नई और बैंगलुरू ले जा रहे थे. इसमें एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन, आरपीएफ व जीआरपी के साथ अन्य संगठन के सहयोग से सफल अभियान चलाया गया. बता दें कि करीब दो महीने में मुजफ्फरपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस से अलग-अलग जगहों पर तीसरी बार मानव तस्करों को पकड़ा गया है. 11 महीने में 135 बच्चे हुए मुक्त, 45 मानव तस्करों को दबोचा आवागमन को लेकर देश भर में रेल का सबसे बड़ा नेटवर्क है. ऐसे में हमेशा ट्रेंड बदल-बदल कर मानव तस्करों का रैकेट पूरी तरह से सक्रिय है. एक आंकड़े के तहत इस वर्ष- जनवरी से नवंबर माह तक ट्रेन से बाहर ले जा रहे 135 बच्चाें को आरपीएफ की टीम ने तस्करों से मुक्त कराया है. वहीं गिरोह के 45 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. रिकॉर्ड के तहत खास कर जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, दिल्ली और बैंगलुरू जाने वाली ट्रेनों से सबसे अधिक बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. काम के बदले अच्छे पैसा का लालच दे कर घरों से बहला-फुसला कर बिचौलिया बच्चों को तैयार करता है. बीते दिनों कर्मभूमि एक्सप्रेस से एक साथ 19 बच्चों को ले जाने के मामले में चार की गिरफ्तारी के बाद आरपीएफ अलर्ट हो गयी है. मामले में आरपीएफ के कमांडेंट अमिताभ ने मानव तस्करी पर नियंत्रण के लिये विशेष रूप से निगरानी कर लगातार अभियान चलाने का निर्देश दिया है. एसी में बैठा रहता है, गिरोह का मुख्य सदस्य
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