40-50 साल पुराना पुश्तैनी डीड हुआ नष्ट, खोजने पर भी नहीं मिल रहा
50 साल पुराना पुश्तैनी डीड हुआ नष्ट, खोजने पर भी नहीं मिल रहा
मुजफ्फरपुर.
रजिस्ट्री ऑफिस के रिकॉर्ड रूम में रखे 40-50 साल पुराना पुश्तैनी डीड नष्ट हो गया है या फिर लिखावट समझ में नहीं आ रहा है. इससे गांव-देहात से पुराने रजिस्टर्ड डीड की तलाश कराने पहुंच रहे लोगों को बैरंग लौटना पड़ रहा है. सोमवार को ऑफिस खुलने पर रिकॉर्ड रूम के बाहर काफी भीड़ जमा हो गयी. चिलचिलाती धूप व गर्मी के बीच लोग लाइन में लग दस्तावेज की तलाश के लिए चिरकूट फाइल करने में जुटे रहे. इससे कुछ देर के लिए रिकॉर्ड रूम के बाहर अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. हालांकि, भीड़ को देखते हुए मौके पर पहुंच जिला अवर निबंधक मनीष कुमार ने जनता दरबार लगा एक-एक लोगों की शिकायत को सुने. लगभग एक घंटे तक डीएसआर ने जनता दरबार लगाया. रिकॉर्ड रूम प्रभारी को भी सिरियल नंबर के आधार पर दस्तावेज की खोजबीन करने का आदेश दिया. जो लोग रजिस्टर से खुद से दस्तावेज खोजने में सक्षम हैं, उन्हें बैठने की व्यवस्था करने को कहा. वहीं, जो खुद से रजिस्टर में अंकित नाम व पता के आधार पर दस्तावेज नहीं खोज सकते हैं, उनके लिए अतिरिक्त कर्मियों की व्यवस्था की गयी है.जमीन की सर्वे को लेकर चार से पांच गुना बढ़ा आवेदन
जमीन की चल रही सर्वे के बीच पुश्तैनी डीड खोजने वालों की भीड़ बढ़ गयी है. पहले की तुलना में चार से पांच गुना आवेदन आ रहा है. पहले 50 के अंदर आवेदन जमा होता था. अब दो से ढाई सौ के बीच आवेदन प्रतिदिन जमा हो रहा है. रजिस्ट्री ऑफिस के साथ-साथ जिला अभिलेखागार में भी भारी भीड़ रह रही है. रजिस्ट्री ऑफिस के रिकॉर्ड रूम से कई गुना ज्यादा भीड़ खतियान की तलाश कराने के लिए जिला अभिलेखागार में रहती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है