पुलिस बन कर बीबीगंज में वसूली

मुजफ्फरपुर : पुलिस की वरदी पहन कर हाइवे से सटे बीबीगंज मोहल्ले में गुरुवार को हजारों रुपये की वसूली की गयी. 76 लोगों से 150 से लेकर 251 रुपये तक लिये गये. नाम दिया गया कि शोभायात्र निकाली जानी है. वरदी पहने लोग खुद को भगवानपुर थाने का बता रहे थे. उनकी इसी बात पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2015 9:03 AM
मुजफ्फरपुर : पुलिस की वरदी पहन कर हाइवे से सटे बीबीगंज मोहल्ले में गुरुवार को हजारों रुपये की वसूली की गयी. 76 लोगों से 150 से लेकर 251 रुपये तक लिये गये. नाम दिया गया कि शोभायात्र निकाली जानी है. वरदी पहने लोग खुद को भगवानपुर थाने का बता रहे थे. उनकी इसी बात पर मोहल्ले के लोगों को शंका हुई, जब लोगों ने पूछताछ की और विरोध शुरू किया, तो तीनों फरार हो गये.
जानकारी के मुताबिक सुबह लगभग नौ बजे तीन लोग बीबीगंज मोहल्ले में पुलिस की वरदी में पहुंचे. इनमें से एक व्यक्ति हाथ में रजिस्टर लिये हुये थे, जबकि दो अन्य उसके साथ चल रहे थे.
ये लोग घरो-घरों में जा रहे थे और जैसे ही घर से कोई व्यक्ति बाहर निकलता, उसके आगे रजिस्टर बढ़ा दिया जाता और कहा जाता कि हम भगवानपुर थाने से आये हैं. थाने की ओर से शोभा यात्र निकाली जानी है. उसके लिए 150 से लेकर 251 तक रुपये के बीच में जो हो सके, चंदा दें.
पुलिस की वरदी देख लोगों का विश्वास हो जाता और लोग चंदा दे देते. इसी तरह से मोहल्ले में ये लोग मांग रहे थे. इसी बीच रिटायर बैंक अधिकारी अवध किशोर सिंह व डॉ आरएन ठाकुर को शंका हुई. दोनों ने कहा कि हम लोग तो सदर थाना क्षेत्र में रहते हैं. भगवानपुर थाने के नाम पर चंदा वसूली क्यों हो रही है?
इसके बाद दोनों ने सदर थाने के बेसिक फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वहां किसी से बात नहीं हो सकी. इसके बाद दोनों लोगों ने चंदा वसूल रहे लोगों का विरोध शुरू किया, तो तीनों लोग भागने लगे. कुछ ही देर में तीनो मोहल्ले से भाग गये. इधर, सदर थानाध्यक्ष अंजनी कुमार झा ने बताया कि इस संबंध में किसी ने कोई शिकायत नहीं की है.
मुजफ्फरपुर : दूसरे के नाम पर सिपाही बनने आया युवक मो नौशाद अपने ही जाल में फंस गया और रेल एसपी के हत्थे चढ़ गया. रेल एसपी ने नौशाद को नगर थाना के हवाले कर दिया.
उसने 2013 में लिखित परीक्षा पास होने और हाईकोर्ट के आदेश पर शारीरिक परीक्षा लेकर नौकरी का दावा किया था. रेल एसपी विनोद कुमार ने बताया कि नौशाद ने 2013 में हुए सिपाही भरती में खुद के शामिल होने की बात कही. नौशाद ने कहा कि वह लिखित परीक्षा पास कर चुका है. किसी कारण से वह शारीरिक परीक्षा में शामिल नहीं हो सका.
इसके बाद नौशाद ने हाईकोर्ट का सहारा लिया. हाईकोर्ट ने नौशाद के एडमिट कार्ड के आधार पर कर्मचारी चयन आयोग को शारीरिक परीक्षा लेकर नियुक्ति करने का आदेश दिया. हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर नौशाद कर्मचारी चयन आयोग पहुंचा. आयोग में नौशाद की लिखित परीक्षा की कॉपी से अक्षर मिलान किया गया, लेकिन नौशाद की राइटिंग से परीक्षा में लिखी गयी कॉपी का मिलान नहीं हुआ. इसके बाद कर्मचारी चयन आयोग ने रेल एसपी के यहां नौशाद को भेज दिया. गुरुवार को नौशाद रेल एसपी के यहां पहुंचा, जहां रेल एसपी ने एडमिट कार्ड के आधार पर फाइल में रखे फोटो से मिलान किया.
फाइल में रखे फोटो से नौशाद का मिलान नहीं होने पर कर्मचारी चयन आयोग से संपर्क किया गया. बताया गया कि लिखित परीक्षा की कॉपी की हैंडराइटिंग का मिलान नहीं हुआ है. तब कर्मचारी चयन आयोग ने फर्जी परीक्षार्थी होने की बात कही. इसके बाद रेल एसपी ने नौशाद का पकड़ कर नगर थाना के हवाले कर दिया.

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