साक्ष्य के अभाव में पूर्व महापौर व नगर आयुक्त रिहा

मुजफ्फरपुर. नगर निगम के पूर्व महापौर बिमला देवी तुलस्यान व तत्कालीन नगर आयुक्त हरिहर प्रसाद को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है. यह फैसला न्यायिक दंडाधिकारी एसके राय की अदालत ने सुनाया है. गाली-गलौज व अपमानित करने को लेकर अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कोर्ट में एक मामला दर्ज कराया था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2015 9:05 PM

मुजफ्फरपुर. नगर निगम के पूर्व महापौर बिमला देवी तुलस्यान व तत्कालीन नगर आयुक्त हरिहर प्रसाद को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है. यह फैसला न्यायिक दंडाधिकारी एसके राय की अदालत ने सुनाया है. गाली-गलौज व अपमानित करने को लेकर अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कोर्ट में एक मामला दर्ज कराया था. इसमें कोर्ट की ओर से अधिवक्ता सुधीर ओझा को गवाह प्रस्तुत करने का कई बार समय दिया गया, लेकिन वे गवाह को पेश नहीं कर पाये. दोनों के विरुद्ध 19 दिसंबर 2007 में ही अधिवक्ता ने केस दर्ज कराया था. कोर्ट ने तीन अगस्त 2010 को मामले में संज्ञान लिया था. युवती ने अपहरण से किया इनकारमुजफ्फरपुर. अहियापुर थाना में दर्ज कांड संख्या 495/15 की पीडि़ता शबनम (काल्पनिक नाम) का बयान न्यायिक दंडाधिकारी एसके तिवारी की अदालत में धारा-164 के तहत दर्ज कराया गया. पुलिस की मौजूदगी में पीडि़ता ने अपने बयान में अपहरण होने से इनकार किया. पीडि़ता ने बताया कि वह पटियासा निवासी मिथिलेश कुमार के साथ हमीदपुर मध्य विद्यालय में पढ़ती थी. इस दौरान हम दोनों एक-दूसरे को चाहने लगे. बाद में मैं अपनी मरजी से शादी करने के लिए घर से भागी थी. पीडि़ता ने ससुराल जाने की इच्छा जाहिर की. कोर्ट ने पीडि़ता को स्वेच्छा से जाने का आदेश दिया.

Next Article

Exit mobile version