एलएस कॉलेज को हेरिटेज का दर्जा मिला, अनुदान नहीं

मुजफ्फरपुर : राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा पाने के बावजूद एलएस कॉलेज यूजीसी से बेहतर अनुदान पाने से वंचित रह गया है. ऐसा कॉलेज प्रबंधन के हेरिटेज बजट बनाने में चूक के कारण हुआ है. राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा पाने वाले कॉलेज को यूजीसी पांच करोड़ रुपये तक अनुदान देती है, लेकिन एलएस कॉलेज महज 15 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2015 8:44 AM
मुजफ्फरपुर : राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा पाने के बावजूद एलएस कॉलेज यूजीसी से बेहतर अनुदान पाने से वंचित रह गया है. ऐसा कॉलेज प्रबंधन के हेरिटेज बजट बनाने में चूक के कारण हुआ है. राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा पाने वाले कॉलेज को यूजीसी पांच करोड़ रुपये तक अनुदान देती है, लेकिन एलएस कॉलेज महज 15 लाख रुपये का अनुदान ही हासिल कर सका. अनुदान के मामले में बारहवीं पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा पाने वाले 19 कॉलेजों में एलएस कॉलेज का स्थान 18वां रहा. सबसे कम अनुदान खालसा कॉलेज (अमृतसर) को मिला है. उसे 10 लाख रुपये अनुदान मिले हैं.
इन कॉलेजों को मिला अनुदान
सर्वाधिक अनुदान पाने वाले कॉलेजों में कोट्टीन कॉलेज, गुवाहाटी (4.35 करोड़), सीएमएस कॉलेज कोट्टायम, केरल (4.08 करोड़), सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता (3.05 करोड़), यूनिवर्सिटी कॉलेज मैंगलोर, कर्नाटक (1.83 करोड़), सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई (1.67 करोड़), गवर्नमेंट ब्रेबर्न कॉलेज कन्नूर, केरल (1.50 करोड़), मदनापुर कॉलेज, पश्चिम बंगाल (1.01 करोड़) शामिल हैं.
नियमों का नहीं किया गया पालन : हेरिटेज बजट में सबसे अधिक राशि ऐतिहासिक भवन के संरक्षण, रख-रखाव व ऐतिहासिक वजूद को बनाये रखने के लिए दिया जाता है. इसके लिए बजट ऐसे आर्किटेक्ट से बनवाना जरूरी है जिनके पास इसका अनुभव रहा है.
कॉलेज में बजट निर्माण के समय इस नियम का पालन नहीं हुआ. सामान्य आर्किटेक्ट से ही बजट का निर्माण करवा लिया गया. 28 व 29 अप्रैल को नयी दिल्ली स्थित यूजीसी कार्यालय में हुई इंटरफेस मीटिंग में स्क्रीनिंग कमेटी ने इस पर आपत्ति जताई थी. बजट पर आपत्ति का एक और कारण उसमें सिविल वर्क के लिए राशि की सर्वाधिक डिमांड थी.
अगले दस साल नहीं दे सकते आवेदन : एलएस कॉलेज के लिए यूजीसी ने 15 लाख रुपये की मंजूरी दी है. यह राशि कॉलेज की लाइब्रेरी के डिजिटलाइजेशन के लिए मिली है. कॉलेज को प्रथम किस्त के रूप में 7.5 लाख रुपये मिलेंगे. इसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के बाद शेष राशि मिलेगी. यूजीसी के गाइडलाइन के तहत एक बार हेरिटेज का दर्जा पाने के बाद विवि या कॉलेज अगले दस सालों तक इसके लिए आवेदन नहीं दे सकते. ऐसे में बेहतर अनुदान के लिए कॉलेज को दस साल का इंतजार करना होगा.

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