याद किये जायेंगे शहीद वारिस अली
मुजफ्फरपुर: 1857 की जंगे आजादी की लड़ाई में शहीद होने वाले तिरहुत के पहले शहीद वारिस अली की शहादत समारोह छह को एलएस कॉलेज में मनायी जायेगी. आयोजन वारिस अली मेमोरियल कमेटी की ओर से होगा. यह निर्णय शनिवार को कमेटी के लोगों ने अघोरिया बाजार स्थित विश्वविभूति पुस्तकालय में बैठक कर लिया. वक्फ कौंसिल […]
मुजफ्फरपुर: 1857 की जंगे आजादी की लड़ाई में शहीद होने वाले तिरहुत के पहले शहीद वारिस अली की शहादत समारोह छह को एलएस कॉलेज में मनायी जायेगी. आयोजन वारिस अली मेमोरियल कमेटी की ओर से होगा. यह निर्णय शनिवार को कमेटी के लोगों ने अघोरिया बाजार स्थित विश्वविभूति पुस्तकालय में बैठक कर लिया.
वक्फ कौंसिल के पूर्व सचिव प्रो कैसर शमीम ने कहा कि वारिस अली बरुराज थाना के जमादार थे. उन पर बागियों से संपर्क रखने का आरोप था. मुजफ्फरपुर की फौजदारी अदालत में 22-23 जून, 1857 को कई लोगों ने उनके खिलाफ गवाही दी. सजा के तौर पर उन्हें सुगौली भेजा गया. फिर उन्हें पटना भेज दिया गया. पटना में ही 6 जुलाई 1857 को उनको फांसी दे दी गयी. उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में तिरहुत के 48 लोगों ने शहादत दी है. लेकिन सभी गुमनाम हैं.
प्रो इमाम ने कहा कि एलएस कॉलेज में आयोजित शहादत समारोह में सभी शहीदों को याद किया जायेगा. साथ ही न्यू इंडिया फाउंडेशन की ओर से शहीदों की जीवनी पर तैयार पुस्तिका का लोकार्पण भी होगा.
मौके पर कार्यक्रम संयोजक शाहिद कमाल, भवचंद्र भानू, लक्षणदेव प्रसाद सिंह, चंद्रिका प्रसाद सिंह, सच्चिदानंद, प्रो हरिश्चंद्र विद्यार्थी, प्रो.कृष्ण मोहन पांडेय मुख्य रूप से मौजूद थे.